Wednesday, May 21, 2025
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‘केजरीवाल का तरीका ऐसा ही, जैसे मिथुन फिल्मों में साइकिल के पीछे छिप कर गोली से बचते हैं’: नदी में पानी के छिड़काव पर बोले लोग

केजरीवाल सरकार यमुना नदी में लकड़ी के बने बैरिकेड लगाकर उसके झाग को रोकने की कोशिश कर रही है ताकि श्रद्धालुओं स्नान कर सकें।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार यमुना नदी में जहरीले झाग को खत्म करने के लिए जिस तरीके को अपनाया है, उसके कारण बुधवार (10 नवंबर 2021) को नेटिजन्स ने ट्विटर पर #ScientistKejriwal को ट्रेंड कराया।

दरअसल, दिन में दिल्ली जल बोर्ड ने जहरीले झाग को खत्म करने के लिए यमुना नदी पर पानी का छिड़काव किया था। केजरीवाल सरकार ने ऐसा इसलिए किया ताकि जहरीला झाग पानी में ही मिल जाए।

आगे बढ़ने से पहले यहाँ हम ये स्पष्ट कर दें कि अरविंद केजरीवाल एक भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी हैं और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है।

ट्विटर यूजर ‘द स्किन डॉक्ट’र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ‘गुप्त नोटबुक डायरियों’ में से एक व्यंग्यपूर्ण पन्ना को ट्वीट किया। यह नोटबुक उस दौरान की थी जब वह एक छात्र थे। इसमें सवाल से अधिक महत्वपूर्ण उसका जवाब है जो कि व्यंग्यात्मक था। दरअसल, मौजूदा परिवेश में जब भी दिल्ली से जुड़ी कोई समस्या सामने आती है तो केजरीवाल सरकार उससे अपना मुँह मोड़ लेती है। ऐसे में अगर वह इस तरह का उत्तर देते हैं तो किसी को कोई भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल सरकार यमुना नदी में लकड़ी के बने बैरिकेड लगाकर उसके झाग को रोकने की कोशिश कर रही है ताकि श्रद्धालुओं स्नान कर सकें। अब कई ट्विटर यूजर इस मामले में चर्चा कर रहे हैं। हालाँकि, जो बैरिकेड्स लगाए गए हैं, उनमें से पानी और झाग आसानी से गुजर सकता है। ऐसे में पूरी कवायद तर्कहीन प्रतीत होती है।

लोगों का कहना है कि केजरीवाल सरकार का यह तरीका ठीक वैसा ही है जैसे कि हिंदू फिल्मों में मिथुन चक्रवर्ती साइकिल का इस्तेमाल गोलियों से बचने के लिए ढाल के तौर पर करते हैं।

ऐसा ही एक और दृश्य था जहां अभिनेता धर्मेंद्र ने नंगे हाथों से उस पर चलाई गई एक गोली को इकट्ठा किया और बस थोड़ा खूनी चोट के साथ समाप्त हुआ। फोम की बैरिकेडिंग ठीक इसी तरह से काम कर सकती है।

कई नेटिज़न्स ने यह भी बताया कि कैसे ‘वैज्ञानिक’ केजरीवाल ने एक मीम को जीवित कर दिया।

एक ट्विटर यूजर ने आगे बताया कि कैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री फरवरी 2015 से यमुना को साफ करने का वादा कर रहे हैं।

यहाँ केजरीवाल की एक एडिडेट इमेज है जो इसे साफ करने के लिए यमुना में कूद रही है। ट्विटर यूजर पीस_फुल ने उन्हें ‘लवणासुर‘ करार दिया। लोकप्रिय ट्विटर यूजर @being_humor द्वारा उन्हें ये उपनाम दिया गया है। उल्लेखनीय है कि रामायण में लवणासुर नाम का राक्षस था, जिसका वध भगवान राम के भाई शत्रुघ्न ने किया था। मान्यता है कि लवणासुर निर्दोषों का तड़पाकर उनकी हत्या कर देता था। बचपन में वह अपने खेलने के साथियों को मार कर खा जाता था। वह ऋषियों के तप को भंग कर पूरे देश में आतंक फैलाता था।

ट्विटर यूजर ‘Being_Humor’ के मुताबिक, लवणासुर की तरह अपनी हरकतों से लोगों को सताते हैं और लोगों को मुश्किल में डाल देते हैं। तथ्य यह है कि नाम अजीब लगता है और सामान्य रूप से एक कठबोली की तरह लगता है, उन्होंने आप सुप्रीमो को उपनाम का उपहार दिया है।

यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली सरकार के शीर्ष नेताओं में से किसी एक को आम जनता ने ‘वैज्ञानिक’ की उपाधि से नवाजा है। जनवरी 2020 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ‘साइंटिस्ट सिसोदिया‘ भी कहा जाता था और उनके वैज्ञानिक ज्ञान के कारण हैशटैग ट्रेंड कर रहा था, जहाँ उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली की जल आपूर्ति पाइपों में स्वच्छ पानी प्राप्त करना ‘वैज्ञानिक रूप से असंभव’ था। इससे दिल्ली के डिप्टी सीएम पर मीम्स की भी बाढ़ आ गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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