Thursday, May 9, 2024
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शेहला रशीद ने लिखा- मैं मुसलमान हूँ… भड़के कट्टरपंथियों ने कहा- जाहिल औरत, कुरान पढ़, अल्लाह से माफी माँग

एक कट्टरपंथी ने शेहला की तुलना साँप से की और कहा कि ये लोग पहले हमारा समर्थन पाते हैं और सहानुभूति पाते ही कट्टर इस्लामोफोबिक हो जाते हैं।

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद को सोमवार (जून 14, 2021) को इस्लामी कट्टरपंथियों ने ट्रोल कर दिया। रशीद की गलती बस ये थी कि वह कट्टरपंथियों द्वारा ट्रेंड करवाए जा रहे ‘Why So Proud’ हैशटैग के ख़िलाफ़ बोल गईं। इस हैशटैग के जरिए कट्टरपंथी LGBT समुदाय के ‘प्राइड मंथ’ पर नफरत फैला रहे थे। ऐसे में जब शेहला ने उनके साथ (LGBT समुदाय) अपनी असहमति व्यक्त की तो सब कट्टरपंथी उन्हें ट्रोल करने लगे।

शेहला ने लिखा था, “मैं मुसलमान हूँ और #WhySoProud hashtag की निंदा करती हूँ। हमें अपने इमान को परफेक्ट करने का काम करना चाहिए और सारी जजमेंट अल्लाह पर छोड़ देनी चाहिए। हमें अल्लाह बनके दिखाने की जरूरत नहीं और न ही दूसरों को जज करने की है। किसी को उनकी पहचान, पसंद और विश्वास के लिए पीड़ित नहीं किया जाना चाहिए। मैं इस्लामोफोबिया और होमोफोबिया का विरोध करती हूँ।”

उन्होंने कहा, “मुस्लिम चेहरों को इससे अपना पीछा छुड़ाना चाहिए, ये हमें असहिष्णु दिखाने का एक प्रयास हो सकता है या फिर वास्तविकता में ये धार्मिक मान्यताओं से प्रेरित हो सकता है। किसी भी तरह से हमें इसे अलग होना चाहिए, क्योंकि लोगों को आँकना हमारा काम नहीं है। जियो और जीने दो।”

शेहला रशीद की ये टिप्पणी कट्टरपंथियों द्वारा ट्रेंड करवाए गए #whysoproud हैशटैग के बाद आई। इसके भीतर कट्टरपंथी समझा रहे थे कि अगर इस्लाम में समलैंगिकता को हराम माना गया है तो वह एक कारण से है।

कुछ लोगों ने समलैंगिकता की तुलना शैतान की बुराइयों से की।

वहीं शेहला का कमेंट पढ़कर उन्हें कहा गया कि ये सब जेएनयू में पढ़ने के साइड इफैक्ट्स है।

एक ने शेहला की तुलना साँप से की और कहा कि ये लोग पहले हमारा समर्थन पाते हैं और सहानुभूति पाते ही कट्टर इस्लामोफोबिक हो जाते हैं।

कुछ कट्टरपंथियों ने शेहला को जाहिल औरत कहा। वहीं कुछ ने जेएनयू छात्रनेता को ये कहकर घेरा कि 1400 साल पहले कुरान उनके सभी तर्कों को काट चुकी है। इसलिए अब उन्हें अल्लाह से माफी माँगनी चाहिए।

जोहान खान ने कहा, “शेहला बहन,दुनिया का ज्ञान लेने के अलावा कम से कम थोड़ा कुरान पाक में lgbt के बारे में पढ़ो। अल्लाह से दुआ करो कि तुम्हे इस मुद्दे पर सही बुद्धि आए।”

समलैंगिकता के विरुद्ध नफरत फैलाने का काम करते-करते एक कट्टरपंथी यूजर ने समलैंगिकता के लिए मौत के दंड को जस्टिफाई किया। अयाज सिद्दकी नाम के यूजर ने कहा कि हो सकता है समलैंगिक लोगों को मारना अन्याय लगे लेकिन इसकी इजाजत शरिया लॉ में मिलती है।

बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथियों ने पिछले वर्ष भी ऐसा हैशटैग चलाया था। तब भी समलैंगिकता को हराम बताने का प्रयास हुआ था। कट्टरपंथियों का कहना था कि चूँकि मुसलमानों को अल्लाह को जवाब देना होगा इसलिए उन्हें समझ लेना चाहिए कि समलैंगिकता इस्लाम में हराम है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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