कुछ स्वोघोषित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दोषियों को मिली मौत की सजा को बदले की कार्रवाई बताया। ऐसे ही एक मानवाधिकार कार्यकर्ता जयंत भट्टाचार्य ने निर्भया की माँ आशा देवी पर अपनी बेटी के लिए न्याय माँगने के लिए ‘गंदी मानसिकता’ और ‘खून की लालसा’ रखने का आरोप लगाया।
16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ चलती बस में दरिंदगी हुई थी। चारों दरिंदों की फॉंसी टालने के लिए 19 मार्च की रात भी उनके वकीलों ने पूरी कोशिश की। आतंकी याकूब मेनन के मामले की तरह देर रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हम हर ऐसी वारदात के बाद कैंडल मार्च करते हैं। दरिंदों को फाँसी देने की गुहार लगाते हैं। हैशटग चलाते हैं। निंदा करते हैं। न्याय प्रशासन को कोसते हैं। लेकिन एक काम जो हम करना भूल जाते हैं वो होता है ऐसी महिलाओं की सोच को सुधारना.....
चारों युवकों के हाथ में थैला देखकर पुलिस को शक हुआ और जब उन्हें रोककर छानबीन हुई तो उसमें से 100 से ज्यादा तलवारें निकलीं। इसके बाद आरोपितों ने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की, फर्जी रसीद दिखाई। मगर सख्ती से पूछताछ पर सब सच्चाई उगल दी।
डीसीपी ऑफिस में कार्यरत एएसआई रविंद्र बुधवार की रात करीब 7 बजे अपने भतीजे से मिलने गए थे। मगर वापसी के दौरान उन्होंने तीन लोगों के बीच आपसी झड़प होती देखी। इनमें से एक ने इसी बीच 2 राउंड गोली फायर कर दी और फिर भागना शुरू कर दिया।
DOIT अर्बन वेंचर्स राणा कपूर की तीनों बेटियों द्वारा संचालित। इनका गोरखधंधा नं-1: DOIT से 3000 करोड़ रुपए का कर्ज फिर 600 करोड़ रुपए की रिश्वत। गोरखधंधा नं-2: 735 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन वाली पांच प्रॉपर्टीज़ जिस कंपनी को दी, उसकी खऱीद प्राइज केवल 40 करोड़ रुपए ही!
दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाके से 3 शवों के मिलने की खबर से हड़कंप मच गया है। ये तीनों शव शाहीन बाग़ क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से मिले हैं, जिनमें से 1 की पहचान हो चुकी है।
गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने फाँसी दिए जाने और ना दिए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि आज चौथा डेथ वॉरंट जारी हुआ है, 2013 में चारों दोषियों को फाँसी दी गई, फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फाँसी दी और इसके बाद पुनर्विचार याचिका में चारों गुनहगारों को फाँसी दी गई।
क्लीनिक की आड़ में दो साल से सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था। क्लीनिक भी बगैर रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था। महिला डॉक्टर गुप्त रोग और बवासीर का इलाज करने के नाम पर क्लीनिक चला रही थी।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि लड़की के भाई ने अपनी बहन के हाथ-पैर बाँधकर कई बार उसके साथ रेप किया था। मालूम हुआ कि दिसंबर से लेकर अब तक दोनों भाई-बहन घर में अकेले रहते थे, इसी दौरान उसके भाई ने दुष्कर्म को अंजाम दिया।