आतंकी तो मारा गया लेकिन उसकी पत्नी (जो कि उसकी कजन बहन भी है) और 4 बच्चे भारत वापस लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इंजीनियर से आतंकी बने उक्त व्यक्ति की मौत 2018 में एक एयर स्ट्राइक में हो गई थी।
इन सभी आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आईएसआई आतंकियों के साथ मिल कर भारत में किसी बड़े हमले को अंजाम देकर अमन और शांति भंग करने की साज़िश रच रही है।
मुहम्मद मुहसिन की मौत की ख़बर उसके परिजनों को व्हाटसएप के ज़रिए मिली। वो संदेश मलयालम भाषा में लिखा था, “आपका भाई शहीद होना चाहता था। अल्लाह ने उसकी आकांक्षा के मुताबिक़ उसकी ख़्वाहिश पूरी कर दी। 10 दिन पहले हुए अमेरिकी सेना के ड्रोन में वो शहीद हो गया।”
सईद के इस कॉल के बाद पुलिस ने उसका पता लगाया और उसके द्वारा दी गई जानकारी की प्रमाणिकता की जाँच की, लेकिन पूछताछ में सईद पुलिस के किसी भी प्रश्न का जवाब देने में असमर्थ दिखा
गिरफ्तार हुए तीनों बांग्लादेशी भारत में अपने संगठन के लिए धन जुटाने और बाकी लोगों को अपने संगठन में भर्ती करने के इरादे से आए थे और चौथा संदिग्ध इनकी इस काम में मदद कर रहा था। फिलहाल ये चारों पुलिस की हिरासत में हैं और कोलकाता पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
पढ़ाई पूरी करने के पहले ही आतंकी समूहों के संपर्क में आने के बाद आदिल MBA खत्म कर जॉर्डन से होता हुआ 2013 में तुर्की जा पहुँचा। वहाँ NGO में काम करने के बहाने पहुँचने के बाद उसने एक डच (हॉलैंड निवासी) महिला से निकाह भी कर लिया, और उसे भी जिहाद में शामिल कर लिया।
आईबी के अलर्ट के बाद भारत और बांग्लादेश सीमा रेखा पर BSF को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। अलर्ट में दावा किया गया कि पश्चिम बंगाल के विस्तृत इलाके में इस आतंकी संगठन ने स्लीपर सेल तैयार कर रखा है, जिसकी मदद से आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
आतंकी संगठन ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ इलाकों में पोस्टर भी बाँटे हैं। साथ ही अपने समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश की है। बाँटे गए पोस्टर्स पर लिखा है, "जल्द आ रहे हैं, इंशाअल्लाह।"
मुझे इससे कोई मतलब नहीं है कि फ़लाँ किताब के फ़लाँ चैप्टर में यह लिखा है कि एक मानव की हत्या पूरे मानवता की हत्या है, क्योंकि ये कहने की बातें हैं, इनका वास्तविकता से कोई नाता नहीं है। ये फर्जी बातें हैं जो आतंकियों के हिमायती उनके बचाव में इस्तेमाल करते हैं।
आईएस सरगना बगदादी इराक के समारा की एक मस्जिद में मौलवी था। जब तक बगदादी की कोई ख़बर नहीं मिलती, तब तक आईएस को लेकर डर बना रहेगा। आईएस से जुड़े कई आतंकी भारत में भी पकड़े गए थे। एनआईए ने आईएस से जुड़े एक मॉड्यूल का पर्दाफाश भी किया था।