पार्किंग विवाद को लेकर दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट के बाहर वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा हुई थी। एक पुलिस कार और 20 अन्य वाहनों को आग लगा दी गई थी। 2 पुलिस वालों को दिल्ली हाई कोर्ट ने सस्पेंड कर दिया था और न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए थे।
पुलिस कण्ट्रोल रूम में 940 लोगों ने कॉल कर के अपने इलाक़े में पटाखे फोड़े जाने की शिकायत की। दीपावली के दिन ही 3765 किलो प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए। इसमें से 1,320 किलो अकेले पूर्वी दिल्ली के एक जनरल स्टोर से जब्त किए गए।
पीएम की भतीजी होने के कारण पुलिस पर झपटमारों को जल्द से जल्द पकड़ने का दबाव बना हुआ था। जिसके चलते पुलिस अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश कर रही थी। पूरे मामले पर आला अधिकारियों की नजर थी और जिला पुलिस, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की 20 से ज्यादा टीमें इन्हें दबोचने के लिए प्रयासरत थी।
दिल्ली पुलिस ने आतंकरोधी इकाई, क्राइम ब्रांच समेत सभी संसाधन मामले में झोंक दिए हैं। DCP मोनिका भरद्वाज ने डकैती का मामला दर्ज कराए जाने की पुष्टि की है।
कुछ पूर्व सांसदों ने कहा था कि उनके बच्चे दिल्ली में पढ़ रहे हैं, इसलिए वे सरकारी आवास खाली नहीं कर सकते। कुछ पूर्व सांसदों ने अपने किसी परिवारजन के स्थानीय अस्पताल में भर्ती होने का बहाना बनाया था। कुछ अन्य पूर्व सांसदों ने कहा था कि वे दिल्ली में कहीं और आवास नहीं ढूँढ पा रहे हैं।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना की अदालत को दिल्ली पुलिस ने बताया कि कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए किया गया अनुरोध दिल्ली सरकार के गृह विभाग के समक्ष लंबित है। इस मामले में पुलिस अपना काम कर चुकी है और अब वह सरकार के निर्णय का इंतजार कर रही है।
पुलिस के मुताबिक शमशेर ने 10-12 लोगों का गेटअप बदलने की बात कबूली है। इसके बदले में वह हर व्यक्ति से 20 हजार रुपए लेता था। इस गोरखधंधे में शामिल ट्रेवल एजेंट्स की भी तलाश की जा रही है। साथ ही उन लोगों की पहचान करने की भी कोशिश की जा रही है जो इस तरीके से विदेश जा चुके हैं।