आम आदमी पार्टी के नारे 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल' को अलका लाम्बा ने मजाक करार दिया। लाम्बा ने कहा कि बीते 5 साल लड़ाई-झगडे और कोर्ट-कचहरी में नज़र आने वाले केजरीवाल को अब बस भी करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार तो जामा मस्जिद के पास भूमाफियाओं से ज़मीन भी खाली नहीं करा पाई।
“अरविंद केजरीवाल जी आपने मुझे दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूल देखने के लिए बुलाया था। कल दिल्ली भाजपा के आठों सांसद अलग-अलग स्कूल में गए और देखिए इनका क्या हाल है...इनकी बदहाली ने आपकी ‘शिक्षा की क्रांति’ के दावों की पोल खोल दी। अब आपको दिल्ली की जनता को जवाब देना होगा।”
कॉन्ग्रेस चालाक निकली। उसने दिग्विजय और मणिशंकर जैसे नाकारा नेताओं को वहाँ भेज इतिश्री कर ली। 'सरजी' राजनीतिक फसल काटने के लिए लालच में आ गए। अमानतुल्लाह-सिसोदिया ने काम बिगाड़ दिया। अब शाहीनबाग़ वो कुल्हाड़ी बन गया है, जिसे दिल्ली के मुखिया ने अपने पाँव पर ही दे मारा।
अमित शाह ने रैली के दौरान न सिर्फ़ मोदी सरकार के कामकाज को गिनाया बल्कि केजरीवाल सरकार की नाकामियों को भी जनता के समक्ष रखा। शाह ने दिल्ली के सीएम से पूछा कि वो भारत माता के टुकड़े करने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग को जेल में डालने की परमिशन दे रहे हैं या नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रामलीला मैदान में हुई रैली और 40 लाख लोगों की कॉलनियों को पक्का किए जाने के कारण भाजपा को फायदा हुआ है। अमित शाह छोटी-छोटी सभाएँ कर रहे हैं। सीएए के ख़िलाफ़ हुई हिंसा में विरोधी पार्टियों के नेताओं का हाथ होने की बात से भी फ़र्क़ पड़ा है।
दिल्ली में कॉन्ग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए गाँधी परिवार के तीनों दिग्गज सोनिया, राहुल और प्रियंका मैदान में उतरेंगे। वहीं दिल्ली कॉन्ग्रेस के नेताओं में सुभाष चोपड़ा, पीसी चाको, उदित राज, कीर्ति आजाद, अजय माकन को भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया गया है।
“पाकिस्तान में बहुत प्रताड़ना झेली। मजहब बदलने का दबाव था। कोई रोजगार नहीं था। फिर दिल्ली आ गए। मदद माँगने कई बार केजरीवाल के पास गए। लेकिन, कुछ हासिल नहीं हुआ। आम लोग कभी कपड़े तो कभी राशन दे जाते हैं।”
केजरीवाल जीत की हैट्रिक लगा पाएँगे? आप की सत्ता में वापसी होगी? इन सवालों के जवाब 11 फरवरी को मिलेंगे। लेकिन यह कितना अजीब है कि जो नेता अपनी बातों की गारंटी नहीं दे पाता, वह दिल्ली की जनता को गारंटी कार्ड बाँट रहा है।
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर केजरीवाल के अलावा 35 से अधिक प्रत्याशी नामांकन कराने पहुँचे। इससे हो रही देरी के पीछे भी आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा का हाथ बताया। उनका मानना है कि BJP वालों ने जानबूझकर...