महाराष्ट्र के अहमदनगर में 34 ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 29 विदेशी हैं। झारखंड और असम में भी अब संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि हुई है। दोनों के तार निजामुद्दीन के मरकज से जुड़े हुए हैं।
जनता कर्फ्यू और प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन की घोषणा से काफी पहले दिल्ली में किसी तरह की गैदरिंग पर रोक लगा दी गई थी। तब न ट्रेनों का परिचालन रुका था और न ही बसों। बावजूद इसके नियम-कायदों की धज्जियॉं उड़ाकर जमात के लोग कानून को ठेंगा दिखाते रहे।
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार को एक चिट्ठी लिखी है। दिल्ली सरकार से 157 विदेशी नागरिकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मॉंग की है। ये विदेशी निजामुद्दीन के मरकज में हुए कार्यक्रम में मौजूद थे और फिलहाल दिल्ली की कई मस्जिदों और अन्य जगहों पर ठहरे हैं।
पूरी दिल्ली में क्राउड मैनेजमेंट के लिए भी काम किया जा रहा है। जैसे, आनंद विहार में जब केजरीवाल सरकार ने हजारों-लाखों मजदूरों को यूपी सीमा पर ढाह दिया, तब वहाँ अफरातफरी मचने पर 250 संघ कार्यकर्ताओं ने जाकर लोगों को सँभालने में पुलिस की मदद की।
निजामुद्दीन में मिले विदेशियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया है, ऐसा गृह मंत्रालय ने बताया है। यहाँ तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम में न सिर्फ़ सैकड़ों लोग शामिल हुए बल्कि उन्होंने एम्बुलेंस को भी लौटा दिया था। इन्होने सतर्कता और सोशल डिस्टन्सिंग की सलाहों को भी जम कर ठेंगा दिखाया।
डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन ने नोटिस जारी किया हैं। नोटिस में बताया गया है कि जो भी मरीज या लोग 12 मार्च से 20 मार्च के बीच इस मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराने आए हो वो अगले 15 दिन तक अपने घर में ही क्वारनटीन रहें।
शुरुआती दिनों में जब कोरोना के लक्षण वाले मामले दिखने लगे तो प्रशासन ने सूचना मिलते ही आवश्यक कार्रवाई करनी चाही। वहाँ के स्थानीय लोगों ने प्रशासन का साथ नहीं दिया और कड़ा विरोध करके एंबुलेंस को ही इलाके से लौटा दिया।
देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज तबलीगी जमात के मुख्यालय में 200 से ज्यादा लोगों के कोरोना संदिग्ध पाए जाने से हड़कंप मच गया है। दिल्ली सरकार ने मरकज के मौलाना के खिलाफ फौरन मुकदमा दर्ज करने को कहा है। उन पर आरोप है कि...
निजामुद्दीन में एक भीड़ जुटती है - मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत कई देशों के करीब 2500 लोग यहाँ आते हैं। कोरोना के बवाल के बावजूद यह सब होता है। नतीजा - दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव के हालिया मामले में से 50% से ज्यादा सिर्फ इस एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग।
सच्चाई ये है कि इस कम्युनिटी किचेन को 'झंडेवालान मंदिर कमिटी' और समाजसेवा संगठन 'सेवा भारती' मिल कर रही है। इसीलिए आजतक ने बाद में हेडिंग को बदल दिया और 'कैसा है केजरीवाल का कम्युनिटी किचेन' की जगह 'कैसा है मंदिर का कम्युनिटी किचेन' कर दिया।