MP में कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 230 है। इनमें से 2 विधायकों की मृत्यु हो चुकी है। यानी वर्तमान संख्या 228 है। कॉन्ग्रेस में हुई बगावत के पहले पार्टी के पास थे 114 विधायक, भाजपा के पास थे 107, सपा के एक , बसपा के दो और निर्दलीय विधायक थे कुल चार। अब इसमें से अगर उन 22 कॉन्ग्रेसी विधायकों को निकाल दिया जाए, जिन्होंने अपने इस्तीफे...
सोमवार को कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन, इतना तय है कि यदि मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार गई तो उसका असर राजस्थान जैसे दूसरों राज्यों पर भी पड़ेगा। गुजरात, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी कॉन्ग्रेस विधायकों में असंतोष है।
जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो उन्होंने आरे में आंदोलन करने वाले करीब दो दर्जन ‘पर्यावरण प्रेमियों’ के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामलों को वापस ले लिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि मेट्रो नहीं रुकेगा लेकिन आरे में अब पेड़ तो क्या, एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा।
राकेश सिन्हा ने जुलाई 2019 में जनसंख्या विनियमन विधेयक को एक निजी विधेयक के रूप में पेश किया था। वहीं वर्ष 2018 सितंबर माह में कॉन्ग्रेस के राजनेता जितिन प्रसाद ने भी जनसंख्या वृद्धि की जाँच के लिए एक कानून बनाने की माँग की थी।
"मेरे गृह राज्य के लिए हमने एक सपना पिरोया था। 2018 में वहॉं सरकार बनी, लेकिन 18 महीनों में वे सपने बिखर गए। किसानों से 10 दिन में कर्ज माफी की बात कही गई थी। लेकिन 18 महीनों में नहीं हो पाया। रोजगार की जगह भ्रष्टाचार के अवसर पैदा हुए।"
"कॉन्ग्रेस और कमलनाथ की सरकार बनी रहेगी। 16 मार्च को पता चल जाएगा कि नंबर किसके साथ है। उनके (ज्योतिरादित्य सिंधिया) के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजा-महाराजाओं के दिन लद चुके हैं।"
देवाशीष की हत्या ऐसे वक्त में की गई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में बंगाल में रैली कर लौटे हैं। उनकी रैली के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कई घटना सामने आई है। रैली में शामिल होने को लेकर महिला नेत्री के घर फायरिंग भी की गई थी।
कॉन्ग्रेस अपने राजनैतिक विरोधियों को किस तरह प्रताड़ित करती है, यह संजय पाठक से सुनिए। वे हत्या की आशंका जता रहे हैं। कह रहे हैं कि कॉन्ग्रेस में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जब से कॉन्ग्रेस के खुद के MLA बागी हुए हैं वे निशाने पर हैं।
"मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे ने सही रुख अपनाया है। शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन विचारों पर आधारित था। उन्हें कॉन्ग्रेस और एनसीपी के दबाव की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि वे सरकार से निकल जाते हैं तो इस मुद्दे पर हम सरकार का साथ देंगे।"
बीजेपी नेता अर्चना विश्वास के घर पर TMC के गुंडों ने फायरिंग की। भाजपा का आरोप है कि उनके घर के ऊपर टीएमसी के गुंडों ने इसलिए फायरिंग की, क्योंकि उन्होंने 1 मार्च को अमित शाह की रैली में हिस्सा लिया था।