लड़कियाँ बजरंग दल से पहले अपने गाँव वालों को और रिश्ते में एक भाई को यह सब बातें बता चुकी थीं। मगर, कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई तो कहीं कहा गया, “जो अब्बा कह रहे हैं उसको मानो।”
"एसडीओ साहब भला गाड़ी से क्यों उतरेंगे? वो तो बाबू हैं, साहब हैं। बहुत बड़े आदमी हैं। बाढ़ पीड़ितों से मैंने आपकी काफ़ी तारीफ सुनी है। कोशिश कीजिए कि मुझे ये दोबारा सुनने को न मिले। पीड़ितों के लिए कैम्प लगाइए नहीं तो आपके दफ़्तर के बाहर धरना दूँगा। ।"
जब संजीव नेवर की शिकायत पर राष्ट्रीय SC आयोग ने हस्तक्षेप किया तो जाँच में निकल कर आया कि पुलिस ने कई सारी गलतियाँ की थीं। SHO को मूल FIR बदलने के लिए निलंबित कर दिया गया, और बदले के इरादे से पीड़ित परिवार पर दाखिल दो FIRs नकली निकलीं, और पीड़ितों को पुलिस सुरक्षा दी गई।