हरिश्चंद्र श्रीवर्धनकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। देविका रोतावन तंगहाली में जीवन गुजार रही हैं। इन दोनों को 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ हमला जोड़ता है।
'उनके घर एक कुत्ता भी नहीं जाता' - ये शब्द थे एक CPI(M) मुख्यमंत्री के, बलिदानी मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के परिवार के लिए। पढ़िए कैसे एक बहादुर जवान ने देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया।
26/11 आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए, 300+ घायल हुए थे। इन आतंकियों से लोहा लेते हुए मुंबई पुलिस, होमगॉर्ड, ATS, NSG कमांडों सहित कुल 22 सुरक्षाबलों ने भी अपना बलिदान दिया था।
मुंबई आतंकी हमले (26/11) में अपनी शहादत देकर आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़वाने वाले बलिदानी तुकाराम ओंबले को जीव वैज्ञानिकों ने विशेष सम्मान दिया है।
डॉक्यूमेंट्री का शीर्षक- 'द बिजनेस विद टेरर' है। इसमें बताया गया है कि आखिर यूरोप में हुए आतंकी हमलों में फाइनेंसिंग, प्लॉनिंग और कमीशनिंग कहाँ से हुई।
साल 2008 में जब पाकिस्तान के आतंकी मुंबई के लोगों को सड़कों पर मार चुके थे उसके कुछ दिन बाद ही गाँधी परिवार के युवराज अपने दोस्त की संगीत रस्म को इंजॉय कर रहे थे।