Wednesday, May 1, 2024

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लालू यादव

प्रशांत किशोर ने लालू के दावे को बताया झूठा, कहा- मैंने मुँह खोला तो शर्मिंदा हो जाएँगे

लालू यादव ने अपनी किताब 'गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी' में दावा किया है कि नीतीश कुमार ने दोबारा महागठबंधन में शामिल होने के लिए अपने सहयोगी और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को 5 बार उनके पास बातचीत के लिए भेजा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया।

लालू यादव पर गंभीर आरोप, नीतीश की शिकायत पर वार्ड में पड़ा छापा

लालू यादव के वार्ड की पहले भी तलाशी ली जा चुकी है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कहा था कि लालू से मिलने आने वाले लोगों के लिए जेल के नियम ताक पर नहीं रखे जा सकते। कई विपक्षी नेता राँची जाकर लालू से मुलाकात कर चुके हैं।

तेज प्रताप ने बनाया लालू-राबड़ी मोर्चा: खुद निर्दलीय लड़ने की भी दी धमकी, यादव कुनबा धराशाई!

"राजद के स्वार्थी नेताओं के सफाए के लिए मैंने 'लालू-राबड़ी' मोर्चा बनाया है। तेजस्वी यादव समझदार हैं लेकिन उन लोगों की वजह से उनके आँखों पर पर्दा आ गया है। मेरी माँ राबड़ी देवी को भी सजग रहने की ज़रूरत है। मेरी बातें सभी लोगों को बाद में समझ आएँगी।"

लालू परिवार में संकट के पीछे का गणित: तेज प्रताप के बग़ावत से अधर में महागठबंधन

लालू यादव के समय उनके आस-पास रघुनाथ झा, रघुवंश प्रसाद, अखिलेश सिंह और सीताराम सिंह जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता संकटमोचक के रूप में हुआ करते थे जो पार्टी में किसी भी तरह की स्थिति को संभालने की ताक़त रखते थे। आज पार्टी को इनकी कमी खल रही है।

बिहार महागठबंधन का लोकतंत्र: लालू यादव जेल से ही तय कर रहे उम्मीदवार और रणनीति

फिलहाल लालू यादव स्वास्थ्य कारणों से राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में दाखिल हैं। वहाँ उनका इलाज़ चल रहा है। उनसे मिलने आने वाले लोगों से भी वह हॉस्पिटल में ही मुलाक़ात कर रहे हैं। रघुबर दास ने कहा है कि इस मामले में जेल नियमों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।

‘फिरौती के लिए अपहरण’ का बाज़ार ध्वस्त करने के लिए शुक्रिया नीतीश जी, लेकिन दंगे और रेप का क्या?

बलात्कार के मामलों में जहाँ 23% की वृद्धि देखी गयी है, वहीं दंगों की घटनाओं में 29% की वृद्धि सरकार के लिए चिंता का सबब बन सकती है।

बिहार में कॉन्ग्रेस का हाथ थाम राजनीति करने वाली मीसा रामकृपाल का हाथ क्यों काटना चाहती हैं?

मीसा को आज हम जिस रूप में देख रहे हैं, दरअसल वो लालू यादव की ही देन है। एक कहावत 'बापे पूत परापत घोड़ा, नै कुछ तो थोड़म थोड़ा' लालू जी के प्रदेश में खूब बोला जाता है। मतलब बच्चों पर कुछ न कुछ असर तो अपने पिता का पड़ता ही है

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