सिंघवी को कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता का फोन गया था और उनसे ट्वीट के कथ्य और इसकी टाइमिंग पर सवाल किए गए। कहा जा रहा है सिंघवी को ये कॉल सोनिया गाँधी के कहने पर किया गया, जो कि सिंघवी के ट्वीट से नाराज दिखीं।
कहते हैं कि आदमी को आगे से हॉंकते हैं और बैल को पीछे से। पार्टी तो जीते-जागते, विचारों से लैस लोगों का ही संगठन होता है। सो, कायदे से उसका भी नेतृत्व आगे से होना चाहिए। लेकिन, आज कॉन्ग्रेस को पीछे से हॉंकने को भी कोई तैयार नहीं है।
खुर्शीद ने कहा, कॉन्ग्रेस बीजेपी की तरह नहीं है और न उसे कभी होना चाहिए। उन्होंने लिखा, “जब हमारे प्रवक्ता बीजेपी को काउंटर करने के हमारे दायित्वों की तरफ इशारा करते हैं तो उन्हें यह जरूर याद रखना चाहिए कि यह तभी संभव है जब हम बहुआयामी वैश्विक नजरिए और भयहीन अभिव्यक्ति पेश करेंगे।”
अब्दुल मन्नान ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को दो बार सोनिया गाँधी से मुलाक़ात की थी। मन्नान पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। मन्नान ने मीडिया को बताया कि सोनिया ने राज्य में कॉन्ग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन के लिए हामी भर दी है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब पार्टी चुनाव में उतरने वाली हो, तब इस तरह की टिप्पणियाँ कॉन्ग्रेस को फायदा पहुँचाने वाली नहीं हैं। बाहर बयानबाजी करने की बजाए खुर्शीद को अपनी राय पार्टी के भीतर ही जाहिर करनी चाहिए।
समय के फेर देखिए। जब सुनील दत्त को अनसुना कर संजय निरुपम को कॉन्ग्रेस में लाया गया तब सोनिया गॉंधी पार्टी की अध्यक्ष हुआ करती थीं। सुनील दत्त के जाने के 14 साल बाद जब वही निरुपम पार्टी को आँखें दिखा रहे हैं तो सोनिया ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं!
खुर्शीद ने सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बनने पर नाखुशी जताते हुए कहा था कि पार्टी को करारी हार की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल के इस्तीफे के कारण पार्टी जनादेश का विश्लेषण नहीं कर पाई। इससे पार्टी में एक शून्य पैदा हो गया।
एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें गुड़गाँव विधानसभा क्षेत्र से कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार सुखबीर कटारिया कह रहे हैं - "गुड़गाँव के लोग अब 'भारत माता की जय' नहीं बोलेंगे। ‘भारत माता की जय’ की जगह अब लोग ‘सोनिया माता की जय' कहेंगे।"
कॉन्ग्रेस में ओल्ड गार्ड और न्यू गार्ड की लड़ाई 2007 में राहुल के पार्टी महासचिव बनने के बाद ही शुरू हो गई थी। पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इनके सामने राहुल को सरेंडर करना पड़ा था। अब सोनिया की वापसी के साथ ही ओल्ड गार्ड हिसाब चुकता करने में लग गए हैं।
डॉ टीके नवरात्रि के दौरान सोनिया गाँधी की पूजा करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि वह देवी का अवतार हैं। वो उनसे प्रार्थना करते हैं और नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक सोनिया गाँधी के लिए व्रत रखते हैं।