Sunday, April 28, 2024

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स्वास्थ्य

अप्रिय नितीश कुमार, बच्चों का रक्त अपने चेहरे पर मल कर 103 दिन तक घूमिए

हॉस्पिटल का नाम, बीमारी का नाम, जगह का नाम, किसकी गलती है आदि बेकार की बातें हैं, क्योंकि सौ से ज़्यादा बच्चे मर चुके हैं। इतने बच्चे मर कैसे जाते हैं? क्योंकि भारत में जान की क़ीमत नहीं है। हमने कभी किसी सरकारी कर्मचारी या नेता को इन कारणों से हत्या का मुकदमा झेलते नहीं देखा।

बिहार में भीषण गर्मी के कारण 200 मौतें, धारा 144 लागू, अस्पतालों में मचा कोहराम

11 बजे से 4 बजे तक दिन में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। सरकारी मनरेगा योजनाएँ व उनके तहत होने वाले कामकाज भी सुबह 10.30 के बाद ठप्प रहेंगे। खुले स्थानों पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने पर भी प्रशासन ने निषेध लगा दिया है।

योगी से सीख सकते हैं नीतीश कुमार: गोरखपुर में AES से हुई मौतों को इस तरह किया नियंत्रित

जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण हुई मौतों में एक वर्ष के भीतर दो तिहाई की कमी आई। जहाँ 2017 में इस बीमारी से 557 जानें गई थीं, 2018 में यह आँकड़ा 187 रहा। इस वर्ष फ़रवरी में जापानी इंसेफेलाइटिस की वजह से 1 भी बच्चे की जान जाने की बात सामने नहीं आई है।

AES से 100+, गर्मी से 160+ मौतें: बिहार में इंसान की जान का कोई मोल नहीं, 450 अस्पताल में

उधर AES से हो रही मासूमों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही, इधर बिहार में गर्मी व लू का ऐसा प्रकोप चला है कि 161 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। दक्षिण-पूर्वी बिहार में गर्मी का प्रकोप भयंकर तरीके से बढ़ गया है और मरने वालों में अधिकार बुज़ुर्ग हैं।

बिहार AES त्रासदी: धिक्कार है ऐसे निकम्मे नेताओं पर, जिनकी वजह से एक-एक कर मर रहे हैं मासूम

आज बिहार लाचार है। बिहार के ग़रीब परिवारों के सामने उनके बच्चों की जानें जा रही हैं और सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं। आज बिहार के इन ग़रीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। अस्पताल के अधिकारी भी इन्हें फटकार रहे हैं। 93 मौतों वाली भयंकर त्रासदी।

1 दिन में Encephalitis ने ली 25 बच्चों की जान, 1 हफ्ते में 56 मौत: CM ने कहा ‘जागरूकता की कमी’

मुजफ्फरपुर व वैशाली के विभिन्न अस्पतालों में इस बीमारी से एक दिन के भीतर 25 बच्चों के मरने की ख़बर के बाद क्षेत्र में हाहाकार मच गया है। पिछले एक सप्ताह में 56 बच्चों की मौत हुई है। 2012 में इस बीमारी से 120 बच्चों की मौत हो गई थी।

उज्ज्वला योजना के कारण श्वाँस रोगों में 20% की कमी, LPG से आ रहा बड़ा बदलाव: Research

अब उज्ज्वला के एक ऐसे फायदे के बारे में पता चला है, जो एक रिसर्च के बाद सामने आया है। इसनें स्वास्थ्य में भी योगदान दिया है। जहाँ-जहाँ एलपीजी का प्रयोग होता है, वहाँ श्वाँस रोगियों की संख्या में 20% कमी पाई गई।

‘1 Rupee clinic’ की मदद से युवती ने स्टेशन पर बच्चे को जन्म दिया, पीयूष गोयल ने किया रीट्वीट

"1 रुपए क्लिनिक" की इस उपलब्धि को रेल मंत्री ने अपने ट्वीटर अकॉउंट पर शेयर किया और साथ ही लिखा कि ठाणे के चौकीदार हमेशा राष्ट्र की सेवा में रहते हैं।

स्थिर आँखों की एक हलचल जब जीवन की सबसे बड़ी ज़रूरत बन जाती है

संतान जब दो महीने से आईसीयू में हो, बोलना चाहे और आवाज न निकले, लगातार सर्जरी होती रहे, डॉक्टर आपको बताते रहे कि इसमें समय लगेगा, आप धैर्य दिखाते हैं, आप पत्नी का हाथ पकड़ते हैं, दूसरे बच्चों को गोद में सुलाते हैं, उसे सरल शब्दों में बताते हैं कि उसका भाई कल की अपेक्षा आज बेहतर है।

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