केरल में उन्हें सिंह कहा जाता है। इतिहासकार उनकी तुलना नेपोलियन से करते हैं। दुश्मन अंग्रेजों ने उन्हें 'स्वाभाविक नेता' बताया। मैसूर की इस्लामी सत्ता उनसे काँपती थी।
बेंगलुरु के गाणाश्रवण (Gaanasravan) नाम के एक स्वर्ण व्यापारी ने केरल के कोच्चि में प्रसिद्ध चोट्टानिकारा मंदिर को 700 करोड़ रुपए दान करने की पेशकश की है।