यूपी में बीजेपी के सत्ता पर आसीन होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव कार्यक्रम के समय श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा की थी।
सिद्दिकी ने शिकायत में कहा था कि कल रात तकरीबन 10 बजे उसका बेटा अपने दोस्त के साथ बाजार गया था। इसी दौरान दो मोटरसाइकिल पर सवार 6 लोगों ने उन्हें रोका और जय श्री राम बोलने को मजबूर किया। मना करने पर उनलोगों ने मारपीट की।
"हम एक ऐसा देश नहीं बन सकते, जहाँ जय श्री राम का नारा लगाने पर पाबंदी हो। यह वो समय है, जब हमें जय श्री राम का नारा लगाने की और ज्यादा जरूरत है।" इस दौरान थॉमस ने अपनी बात को 'जय श्री राम' के नारे के साथ खत्म किया।
पुलिस द्वारा मामले की सच्चाई का पर्दाफाश करने के बाद पता चल चुका है कि बच्चा जय श्री राम के नारे वाली बात झूठ बोल रहा है। वो अलग-अलग बयान दे रहा है। पुलिस के मुताबिक बच्चे को देखकर लग रहा है जैसे उसे किसी ने ये सारी बातें सिखाई हैं।
पूरे वीडियो को देखने से पता चलता है कि अंसारी के साथ जय श्री राम बोलने को लेकर कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। उन्होंने खुद ही कहा कि राम सिर्फ भाजपा के नहीं, बल्कि सभी के हैं।
गाने के बोल हैं- ‘जो ना बोले जय श्री राम, भेज दो उसको कब्रिस्तान।’ इस गाने को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा हो रही है। इसे लेकर लोग सोशल मीडया पर अपनी-अपनी अलग प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कुछ लोग इसे आपत्तिजनक बता रहे हैं, तो कुछ लोगों को इस गाने में कुछ भी गलत नहीं लग रहा है।
शख आमेर ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि उसने अपने समुदाय के सदस्यों के बीच अपना कद बढ़ाने और उससे झगड़ा करने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए मनगढ़ंत कहानी के आधर पर पुलिस से शिकायत की।
चश्मदीद गणेश ने कहा है कि इमरान के साथ मारपीट आपसी दुश्मनी की वजह से हुई थी। जय श्री राम नहीं बोलने पर मारपीट की बात झूठी है। इमरान को गणेश और उसकी पत्नी ने ही बचाया था।
मोदी के जीतते ही ऐसी खबरों में अचानक से इजाफा कैसे हो गया? आखिर आधी खबरें झूठी क्यों साबित हो रही हैं? दर्जन भर मंदिर तोड़े गए, मूर्तियाँ विखंडित हुईं, और हर बार आरोपित या तो 'शांतिप्रिय' है, या अज्ञात।