दिल्ली की हिंसा छत्तीसिंहपुरा के नरसंहार की याद दिला रही है। तब भी केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। भारत-अमेरिका संबंध नया मोड़ ले रहा था। देश की छवि खराब करने की साजिशें तब भी रची गई थी।
नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी की खबर है। कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। दिल्ली पुलिस और आरएएफ के जवान इलाके में मार्च कर रहे हैं।
CAA का विरोध करने वाली यह भीड़ इतनी 'शांतिप्रिय' है कि इसने आज पेट्रोल पम्प से लेकर बाइक, ऑटो, रिक्शा आदि को आग के हवाले कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी पिस्टल लेकर पहुँच गया, जिसने 8 राउंड फायरिंग भी की। आज ही कई मेट्रो स्टेशंस के पास मुस्लिमों को अपने बोरिया-बिस्तरों के साथ इकट्ठा होते हुए भी देखा जा रहा है। पूछने पर पता चला कि किसी 'दुआ' के लिए सभी लोग इकट्ठे हो रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जाम करने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की। महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई। अग्निश्मन दस्ते को मौके पर पहुॅंचने से रोका गया।
जामिया के छात्रों ने कहा कि माहौल ऐसा बना दिया गया है जैसे शरजील कोई देशद्रोही हो। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरजील इमाम की विचारधारा से डरते हैं। उन्होंने धमकाया कि हज़ारों शरजील पैदा होंगे।
"जामिया के छात्रों के खिलाफ सभी मुकदमे वापस लिए जाएँ। NPR को दिल्ली में लागू नहीं किया जाए। शाहीन बाग विरोध को लेकर दर्ज किए गए युवाओं के खिलाफ सभी मामलों को रद्द करें।"
एक विडियो सामने आया है इसमें तीस्ता सीतलवाड़ नजर आ रही है। तीस्ता 2002 के दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर पैसे इकट्ठा कर उसका इस्तेमाल खुद की सुविधाओं और खर्चे पर करने की आरोपित है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामला चलाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने मॅंजूरी नहीं दी है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधीक्षक और निर्भया के माता-पिता की याचिका पर करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद नया डेथ वारंट जारी किया। यह तीसरा डेथ वारंट है। इससे पहले 22 जनवरी को और फिर एक फरवरी को फॉंसी के लिए डेथ वारंट जारी हो चुके हैं।
शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया है। CAA विरोध के नाम पर दो महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शनकारियों ने रास्ता बंद कर रखा है।