एक वक्त ऐसा भी था, जब भाजपा को अपनी 'माँ' बताने वाले सिद्धू का कई साल तक भारतीय जनता पार्टी के साथ 'बेटे' जैसा जुड़ाव रहा था। लेकिन, पार्टी बदलते ही उन्होंने 'माँ' को 'गाली' देनी शुरू कर दी है।
"ज्यादातर आर्थिक विकास कॉन्ग्रेस के शासन काल में ही हुआ है और सूई से लेकर विमान तक सब कुछ कॉन्ग्रेस के कार्यकाल में ही बना है। राफेल सौदे को लेकर हुए विवाद की वजह से इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार तय है।"
कुछ दिन पहले मायावती भी समुदाय विशेष से एकजुट हो बसपा-सपा गठबंधन को वोट देने की अपील कर चुकी हैं। अब देखना ये है कि ध्रुवीकरण की अपील करने वाले सिद्धू पर राजनीतिक पार्टियों के साथ चुनाव आयोग की क्या प्रतिक्रिया आती है।
सिद्धू ने फिर दिया विवादित बयान। जनता के आक्रोश को देखते हुए सोनी चैनल ने उन्हें कॉमेडी कार्यक्रम 'दी कपिल शर्मा शो' से हटा दिया था। वहीं अब ख़बरें आ रही हैं कि लोगों का गुस्सा कम होते ही सिद्धू की शो में वापसी कराइ जाएगी।
FWICE के अलावा फ़िल्म डिविजन बोर्ड ने भी पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने का निर्णय लिया है। फ़िल्म सिटी और फ़िल्म बोर्ड के उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री अमरजीत मिश्रा ने पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय फ़िल्मों में लेने पर कड़ी आपत्ति जताई।
सिद्धू ने पाकिस्तान का बचाव किया और कपिल ने सिद्धू का। ये रिश्ता क्या कहलाता है? जनता की मदद से अपना व्यापार चलाने वालों को जनभावना की ही क़द्र नहीं। जवानों के बलिदान का इनकी नज़र में कोई मोल नहीं!
आप सेना में रहे हैं कैप्टेन साहब। इस तरह अनजान न बनिए। इस से पहले कि देश आपको दूसरा मनमोहन पुकारे, जनभावना का अपमान करने वाले सिद्धू को अपने कैबिनेट से निकाल बाहर फेंकिए।
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भी सिद्धू ने पाकिस्तान की तारीफ़ों के पुल बाँधे थे। एक पाकिस्तानी चैनल से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा था कि शांति की पहल हमेशा से पाकिस्तान ने ही पहले की है।
सिद्धू ने कहा की वो इसकी कड़ी निंदा करते हैं लेकिन आतंकवाद का कोई देश या धर्म नहीं होता। सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम अक्सर सामने आता रहता है। सिद्धू पाकिस्तान के जनरल बाजवा से गले भी मिल चुके हैं।