Thursday, October 10, 2024
Homeराजनीतिअमेठी से राहुल गाँधी हारे तो छोड़ दूँगा राजनीति: पाकिस्तानी PM के 'दोस्त' का...

अमेठी से राहुल गाँधी हारे तो छोड़ दूँगा राजनीति: पाकिस्तानी PM के ‘दोस्त’ का बड़ा बयान

"लोगों को राष्ट्रवाद यूपीए अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गाँधी से सीखनी चाहिए। उनके नेतृत्व के कारण ही कॉन्ग्रेस पार्टी 2004 से 2014 तक केंद्र में सत्ता में बरकरार रह सकी।"

कॉन्ग्रेस नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार (अप्रैल 28, 2019) को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार जाते हैं तो वे राजनीति छोड़ देंगे। इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि लोगों को राष्ट्रवाद यूपीए अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गाँधी से सीखनी चाहिए। आपको याद दिला दें कि सिद्धू ने दिसंबर 2018 में कॉन्ग्रेस पार्टी के द्वारा तीन विधानसभा चुनावों में जीत के बाद राहुल गाँधी को मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज घोषित कर दिया था।

अमेठी लोकसभा सीट पर राहुल गाँधी का मुकाबला 2014 में कड़ी टक्कर देने वाली भाजपा सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी से है। हालाँकि सिद्धू ने इस बात को साफ तौर पर नकार दिया कि स्मृति ईरानी, राहुल गाँधी को कड़ी टक्कर दे रही हैं। वहीं, राहुल गाँधी इस लोकसभा चुनाव में अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।

इस दौरान कॉन्ग्रेस नेता सिद्धू ने भाजपा के इन आरोपों का भी खंडन किया कि कॉन्ग्रेस के शासन में 70 वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ। सिद्धू ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ज्यादातर आर्थिक विकास कॉन्ग्रेस के शासन काल में ही हुआ है और सूई से लेकर विमान तक सब कुछ कॉन्ग्रेस के कार्यकाल में ही बना है। इसके साथ ही सिद्धू ने राजीव गाँधी की हत्या के बाद कॉन्ग्रेस की अगुवाई करने वाली सोनिया गाँधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व के कारण ही कॉन्ग्रेस पार्टी 2004 से 2014 तक केंद्र में सत्ता में बरकरार रह सकी।

भाजपा से कॉन्ग्रेस में शामिल हुए सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि जो भी इस पार्टी के प्रति वफादार रहता है, उसे राष्ट्रवादी माना जाता है और जो लोग इसे छोड़ देते हैं, उन्हें राष्ट्र विरोधी करार दिया जाता है। सिद्धू ने यह भी कहा कि राफेल सौदे को लेकर हुए विवाद की वजह से इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार तय है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्पसंख्यक हैं मिजोरम में हिंदू, फिर भी हरि मंदिर को बचाने में जुटे: असम राइफल्स के जाने के बाद राज्य सरकार के कब्जे में...

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मिजोरम में हिन्दू असम राइफल्स की कैंटोनमेंट में स्थित अपना एक मंदिर सरकारी नियंत्रण में जाने से बचाने को लड़ रहे हैं।

बिहार में ईसाई धर्मांतरण की ग्राउंड रिपोर्ट, YouTube ने डिलीट किया वीडियो: क्या फेसबुक भी उड़ा देगा, बिग टेक कंपनियों की वामपंथी पॉलिसी कब...

पहली बार नहीं है कि किसी मामले को लेकर बड़ी टेक कंपनियों के वामपंथी रवैये पर सवाल खड़ा किया जा रहा हो। इनका प्रभाव फेसबुक पोस्ट से लेकर इंस्टा की रीच तक पर आप देख सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -