CAA विरोध में सिर्फ़ तिरंगा और महात्मा गाँधी की तस्वीर लेकर लोग चल रहे? सब कुछ शांति से हो रहा? देश में कहीं कोई दंगा नहीं? प्रोपेगेंडा पत्रकार राजदीप ने तो यही कहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें उनकी औकात बता दी गई - फोटो, वीडियो के साथ, प्रमाण देकर।
सोनिया गाँधी इटली से यहाँ आई हैं और उन्होंने नागरिकता ले ली थी, लेकिन यह लोग पाकिस्तान में सताए गए हमारे हिन्दू और सिख भाइयों को मिल रही नागरिकता का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी उनके समूह का हिस्सा हैं, वे एक ही भाषा बोलते हैं।"
शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित। शरारती तत्वों पर ड्रोन से भी नज़र रखी जा रही है। 20 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद। इसके अलावा, राज्य में पहले से ही धारा-144 लगी हुई है।
जिस पैम्पलेट में प्रोफेसरों के हस्ताक्षर के साथ दावा किया गया था कि 51 प्रोफेसर CAA के विरोध में हैं, फ़र्ज़ी है। उस पैम्पलेट में कहा गया था कि ये क़ानून स्वीकार्य नहीं है और ये बँटवारे की भावना फैला रहा है। अब कई प्रोफेसरों ने ऐसी किसी बात का समर्थन करने से इनकार किया है।
सीपीआई सरीखे राजनीतिक दलों ने जनरल रावत के बयान की आलोचना की है। कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि नेता वो भी नहीं होते हैं, जो अपने लोगों को सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसाते हैं। साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या 'जनरल साहब' उनकी बातों से सहमत हैं?
अगर इस भीड़ को देख कर तुम्हें डर लग रहा है, तो फिर डरो क्योंकि ये डर पूरे भारतीय समाज की शांति के लिए अच्छा है। अगर ये डर तुम्हारे भीतर रहेगा कि तुम्हारी आगजनी, पत्थरबाजी, गोली चलाने की प्रवृत्ति के टक्कर में एक ऐसी टोली है जो हर जिले में तैनात है, तो तुम सड़कों पर आ कर आग लगाने से पहले सोचोगे।
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI के लगभग 150 सदस्य चोरी-छिपे दिल्ली आते हैं - वो भी एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया दंगों से ठीक 2 दिन पहले। अगले 2 दिनों तक ये सभी जामिया इलाक़े में ही कहीं छिपे रहते हैं। दंगे वाले दिन ये बाहर निकलते हैं और...
दोनों ने एक नौसेना अधिकारी के दो बच्चों का अपहरण किया। मगर टुच्चे कार चोरों से अपहरण जैसा बड़ा अपराध संभला नहीं। बेटा छोटा था, पकड़े जाने के डर से संजय चोपड़ा नाम के इस बच्चे की नृशंस हत्या कर दी दोनों ने मिलकर। बड़ी बहन गीता को भी बलात्कार के बाद मार डाला। इन्हीं दोनों को अरुंधति 'हीरो' के तौर पर...
"आप लोग अपना घर-परिवार छोड़कर दिन-रात हमारे लिए खड़े रहते हैं, तो आपके प्रति भी हमारा कुछ कर्तव्य बनता है।" - जब सुशील सिंह और उनके साथियों ने यह भावनात्मक संदेश सुना तो सब दौड़ कर गेट तक गए लेकिन वो शख्स "Thank You" सुनने के बजाय चुपचाप वहाँ से जा चुका था।
"पूरी हिंसा के लिए कट्टरपंथी समूहों और मुख्यधारा की राजनैतिक पार्टियाँ जिम्मेदार हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) समेत समाजवादी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा के लिए उत्तरदायी हैं।"