Friday, June 13, 2025
Homeराजनीतिआग लगाने वाले दंगाई कट्टरपंथियों को जायज ठहराने में नाकाम राहुल को गरीबों की...

आग लगाने वाले दंगाई कट्टरपंथियों को जायज ठहराने में नाकाम राहुल को गरीबों की आई याद

"पहले दुनिया कहा करती थी कि भारत और चीन एक रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अब दुनिया भारत में हिंसा देख रही है। सड़कों पर महिलाएँ सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है।"

एक तरफ देश जहाँ कॉन्ग्रेसी और वामपंथी इकोसिस्टम का शिकार होकर CAA के विरोध में सड़कों पर हिंसा कर रही है। जिसे जायज ठहराने के लिए वामपंथी गिरोह ने उसे NRC के विरोध से जोड़ दिया जो कि अभी चर्चा में भी नहीं है। मामला शांत होता देख अब ये पूरा इकोसिस्टम एनपीआर को लेकर भी तरह-तरह की अफवाह फ़ैलाने में सक्रीय हो गया है। ऐसे में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी पर मुस्लिमों और वामपंथी-कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम द्वारा जारी बवाल के बीच कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने छत्तीसगढ़ से सरकार पर निशाना साधा है।

राहुल गाँधी ने कहा कि सीएए और एनआरसी गरीबों पर हमला है इतना ही नहीं बल्कि इसे वह ‘नागरिकता का टैक्स’ भी बता गए। राहुल का कहना है कि देश का वक्त बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भारत और चीन को पूरी दुनिया एक रफ्तार से आगे बढ़ते हुए देखती है लेकिन आज भारत में सिर्फ हिंसा दिखाई दे रही है। लेकिन इस हिंसा में कौन शामिल है ये राहुल गाँधी ने नहीं बताया।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने गए राहुल गाँधी ने कहा, “पहले दुनिया कहा करती थी कि भारत और चीन एक रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अब दुनिया भारत में हिंसा देख रही है। सड़कों पर महिलाएँ सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है।”

राहुल गाँधी ने सीएए और एनआरसी पर बोलते हुए अचानक से गरीबी को याद किया और कहा, “एनसीआर हो या एनपीआर, दोनों गरीबों पर टैक्स हैं। नोटबंदी गरीबों पर टैक्स था। यह पूरी तरह गरीबों पर आक्रमण है। लोगों को नोटबंदी की तरह ही लाइन पर लगाया जाएगा। देश का समय बर्बाद किया जा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार नागरिकता कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। मोदी जी का यह कानून गरीब लोगों पर हमला है, अब गरीब पूछ रहा है कि हमें नौकरी कैसे मिलेगी?

यहाँ सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे है कि जैसे पहले सभी लोग नौकरी में थे और उनकी नौकरी अचानक से छीन गई। लोगों ने राहुल को याद भी दिलाया कि आपकी ही सरकार पहले एनपीआर आदि पर पैसे खर्च कर चुकी है। राहुल गाँधी के इस बयान को सोशल मीडिया पर मुस्लिमों की हिंसा से ध्यान भटकाने और उसे जायज ठहराने के लिए एक बिना सोचे-समझे बयान के रूप में भी देखा जा रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इजरायली हमले के बाद ट्रंप ने दी ईरान को चेतावनी, कहा- सब कुछ हो जाए बर्बाद, इससे पहले कर लो समझौता: और बड़े हमले...

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है कि अगर उसने परमाणु समझौता नहीं किया तो इजराइल और ज्यादा बड़ा हमला करेगा, लेकिन ईरान ने वार्ता करने से भी इनकार कर दिया है।

भोपाल के ‘मुस्लिम गैंग’ पर पुलिस ने लगाई 250 पन्नों की चार्जशीट, बताया- कॉलेज की लड़की के साथ उसकी बहन का भी किया था...

भोपाल लव जिहाद मामले में पुलिस ने 250 पन्नों का चालान पेश किया गया। इसमें 57 गवाहों की लिस्ट और उनके बयान भी शामिल हैं।
- विज्ञापन -