अपनी ग़लती मानने के बजाय कि कुणाल ने हद पार कर दी। फेक इमेज का इस्तेमाल कर अपने मंतव्यों को हँसी-ठिठोली का नाम दिया । कामरा के लिए स्टॉक एक्सचेंज का मजाक उड़ाना किसी मनोरंजन से कम नहीं है।
स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा की एक ग्राउंड रिपोर्ट में इस घटना से संबंधित एक और रोचक जानकारी सामने आई है क्योंकि लगभग 35 छात्र, जो कथित पीड़िता खानम के सहपाठी भी थे, ने स्पष्ट तथ्यों द्वारा इस घटना पर अपना पक्ष साझा किया।
इसमें कोई शक नहीं कि अच्छा हास्य-व्यंग्य सच्चाई के इतने करीब होता है कि कई बार दोनों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी से लोकसभा चुनावों से ठीक पहले ऐसी 'गलती' हो, इसकी संभावना कम है। यह जानबूझकर किया गया मालूम होता है।
झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी ये उम्मीद मत रखिए कि दिल्ली के ठग और #बेगुसरायकाबकैत अपनी बेशर्मी के लिए कोई माफ़ी माँगेंगे। ये वो लोग हैं जो अपने गिरोह के लोगों या खुद की की हुई यौन शोषण, बलात्कार जैसी हरकतों पर भी चुप्पी साधते हैं।
जहाँ एक तरफ देश पुलवामा में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों को लेकर शोक मना रहा था, वहीं दूसरी ओर दिव्या स्पंदना ने NDTV की आधी-अधूरी रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ट्रेन-18 के बारे में झूठी ख़बर फैलाते हुए ट्रेन को विफल बताया।
राहुल गाँधी हमेशा से ही नए-नए तरीक़ों का इस्तेमाल करके भाजपा के ख़िलाफ़ टीका-टिप्पणी करते नज़र आते हैं। फिर भले ही कॉन्ग्रेस का हर दावा झूठा ही क्यों न साबित हो जाए।
एसपी सिन्हा ने कहा कि हिन्दू में इस मामले में लेख लिखने वाले एसके शर्मा इस टीम का हिस्सा ही नहीं थे। सिन्हा ने लेख पर सवाल उठाते हुए कहा कि शर्मा ने रक्षा सौदे को बिगाड़ने के लिए कहीं किसी के इशारे पर यह लेख तो नहीं लिखा है?