कौशल्या फाउंडेशन न सिर्फ़ उनलोगों को हाइजेनिक भोजन पहुँचा रहा है, बल्कि उन्हें कोरोना वायरस के ख़तरों के प्रति जागरूक भी कर रहा है। उन्हें सुरक्षा और बचाव के सामान भी दिए जा रहे हैं। इस काम में कई स्वयंसेवक लगाए गए हैं।
अंधाराठाढ़ी प्रखंड के हरना गॉंव में सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। यहॉं से तबलीगी जमात के 11 सदस्य क्वारंटाइन में भेजे गए हैं। बताया जाता है कि वे भी नमाज में शामिल थे। पुरुष जब भीतर नमाज अदा कर रहे थे दर्जनों औरतें लाठी और मिर्च पाउडर लेकर बाहर खड़ी थीं।
तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र सरकार की हेल्प डेस्क 1800118797 पर फोन कर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी। और जैसे चमत्कार ही हो गया। एक घंटे भीतर ही इन बच्चियों के पास अधिकारी भोजन लिए दौड़े-दौड़े आए।
औरतें और बच्चें भी भीड़ में शामिल दिख रहे हैं। विडियो में काफी शोरगुल के बीच मैथिली में गोली चलाए जाने और पुलिसकर्मियों के गाड़ी छोड़ कर भागने की बात कहते लोगों को आप सुन सकते हैं। एक शख्स पीएम मोदी का भी नाम ले रहा है।
पुलिस को एक किमी तक समुदाय विशेष के लोगों ने खदेड़ा। उनकी जीप तालाब में पलट दी। छतों से पत्थर फेंके गए। फायरिंग की बात भी कही जा रही। सब कुछ ऐसे हुआ जैसे हमले की तैयारी पहले से ही हो। उपद्रव के बीच जमाती भाग निकले।
युवक ने महाराष्ट्र से लौटे दो लोगों के कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज होने की सूचना हेल्पलाइन पर दी थी। मगर, इन दोनों ने सुरक्षा लिहाज से की गई इस जाँच को शान में गुस्ताखी समझ लिया और उसे पीट पीटकर मार डाला।
इन नए मामलों के आने के बाद से वहाँ का स्वास्थ्य विभाग अब इस जाँच-पड़ताल में लगा है कि इन 10 कोरोना संक्रमित लोगों के सम्पर्क में कौन कौन आया था। जाँच का दायरा बढ़ता जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने उन्हीं लोगों को धोखा दिया है, जिनके बल पर वह सत्ता पाता है। वो जानता था कि दिल्ली में वो 2 लाख लोगों की कोई व्यवस्था नहीं कर सकता। ऐसे में अफवाहें फैलाई गई और उन गरीब मजदूरों को घर से बाहर निकालने का षड्यंत्र रचा गया ताकि वो दिल्ली छोड़कर कहीं भी जा सकें।
बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि दूसरे राज्यों से पहुँचने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक बॉर्डर पर राहत केंद्रों में क्वारंटाइन किया जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर में सभी को खाने-पीने के साथ जरूरी सुविधाएँ दी जाएँगी।
सैफ की 21 मार्च को मौत हो गई थी। अब पता चला है कि जॉंच रिपोर्ट आने से पहले ही उसका शव परिवार को सौंप दिया गया था। इससे परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और उनके संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों के संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है।