द प्रिंट में काम करने वाली महिला 'पत्रकार' नीरा मजूमदार ने न केवल भारत माता की जय बोलने वालों को गुंडा करार दिया बल्कि पुलिस से भी जवाब तलब कर लिया कि आखिर ऐसे लोगों को इस तरह की रैली निकालने की अनुमति दे कैसे दी?
द पायनियर के वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने खुलासा किया कि किस तरह एक अमेरिकी अखबार ने उन्हें दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में हुई मौतों को सांप्रदायिक आधार पर रिपोर्ट करता एक 1000 शब्द का आर्टिकल लिखने के लिए 1500 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की।
यह संभव नहीं है कि एक समुदाय विशेष हिन्दुओं के घरों को जलाने के लिए उन्हें चिन्हित करे, जलाए और बदले में हिन्दू जाकर उसे गले लगा आए। यह दंगा-साहित्य कुछ पुरस्कार जीतने के लिए लिखी गई किताबों तक सीमित रहे, मानवता के लिए उनका योगदान उतना ही काफी माना जाएगा।
इस नैरेटिव से बचिए और पूछिए कि जिसकी गली में हिन्दू की लाश जला कर पहुँचा दी गई, उसने तीन महीने से किसका क्या बिगाड़ा था। 'दंगा साहित्य' के कवियों से पूछिए कि आज जो 'दोनों तरफ के थे', 'इधर के भी, उधर के भी' की ज्ञानवृष्टि हो रही है, वो तीन महीने के 89 दिनों तक कहाँ थी, जो आज 90वें दिन को निकली है?
"सवर्ण हिंदुओं के बार-बार वारिस पठान की आलोचना करने में शर्म आनी चाहिए, जबकि वे जिस पार्टी को सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से सत्ता सौंपी थी। वह खुले तौर पर नरसंहार की धमकी देते थे। बाहर सड़कों पर आने और आरएसएस को उखाड़ फेंकने के बजाय, ट्विटर और फेसबुक पर बकोली करवा लो बस इनसे।"
कॉन्ग्रेस नेता रीना मिमरोत सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता के लिए पहले भी फर्जी खबरों के द्वारा घटिया और बेहद मूर्खतापूर्ण हरकतें करते हुए देखी गई हैं। रीना ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प जैसे दिखने वाले किसी आदमी की महिलाओं के साथ 'गंदी' तस्वीरें शेयर की थीं।
गार्गी कॉलेज के सम्बन्ध में जब कॉलेज की छात्राओं से ऑपइंडिया ने बात की तो उन्होंने बताया कि उत्पीड़न वाली बात से मना नहीं किया जा सकता है लेकिन धार्मिक नारे लगाने जैसी बातें एकदम बेबुनियाद है और मीडिया द्वारा इस मुद्दे को दूसरी ही दिशा दी जा रही है।
यही शाहीन बाग़ की भीड़ हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक चिन्हों को गाली देती देखी गई। क्या हिन्दुओं की आस्था को ठेस लगाने के लिए गाय पर चुटकुले बनाने से लेकर हिन्दुओं की कब्र खोदने की धमकी देने वाला यह शाहीन बाग़, एक शव यात्रा के लिए बैरिकेड खोलकर इंसानियत का उदाहरण बन सकता है?