पिछले कई दिनों से फरार चल रहे देशद्रोह के आरोपित शाहीन बाग़ के सरगना शरजील इमाम को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से आरोपित शरजील को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब पुलिस दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।
अपनी माँगों को लेकर एएमयू छात्रों द्वारा रोड जाम करने वाले 600 अज्ञात छात्रों के खिलाफ यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके बाद से पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालकर दोषियों की पहचान करने में जुट गई है।
छात्रों ने यह नारेबाजी तब शुरू की जब कुलपति ने अपने भाषण के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में गत 15 दिसंबर को CAA के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में AMU के छात्रों के उग्र प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
अलीगढ़ के SSP आकाश कुल्हारी के अनुसार, शरजील के खिलाफ IPC की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505 (2) के अंतर्गत FIR दर्ज की जा चुकी है और उनकी टीम जल्द ही शरजील को गिरफ्तार करेगी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि देखना है तो मुस्लिमों का सब्र देखो। अग़र बर्बाद करने पर आए तो किसी देश को छोड़ेंगे नहीं। इतना गुस्सा है। वहीं जवाब में एक यूजर ने लिखा कि यह 1947 का हिंदुस्तान नहीं है कुचल कर रख देंगे।
250 से अधिक छात्र-छात्राओं ने कुलपति को मेल व मैसेज के जरिए अपनी परेशानी बताई है। इनका कहना है कि कब तक इस आंदोलन के चलते यूनिवर्सिटी को बंद रहेगा। परीक्षाओं के साथ भी तो वे आंदोलन जारी रख सकते हैं।
आंदोलनकारी छात्रों के धरने में अचानक से एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर पहुँच गए। उन्होंने जाते ही छात्रों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट से सम्बन्धित कागज को दिखाते हुए नाराजगी जताई, जिसके जवाब में छात्रों ने कहा कि वायरल हो रही खबर के कारण हम 32 हजार छात्रों को कटघरें में खड़ा नहीं कर सकते।
यह उस आज़ादी की माँग है। जिसकी एक झलक पिछले दिनों जामिया और जेएनयू में प्रदर्शनकारियों के हाथों में पकड़े पोस्टरों में दिखाई दी थी। इस आज़ादी की माँग को उन शिक्षकों ने दोहराया है, जिनके ऊपर विश्वविद्यालय के छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाने की ज़िम्मेदारी है।
एएमयू इंतजामियाँ ने आंदोलनकारी छात्रों के दवाब में आकर सभी कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है, जिससे उन छात्रों को ज़ोरदार धक्का लगा है, जो विश्वविद्यालय में कक्षाएँ संचालित होते और अपनी परीक्षाएँ समय पर देना चाहते थे।
जब तक CAA को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं छात्र सहादत हुसैन ने पुलिस की कार्रवाई को निंदनीय बताया। इस दौरान छात्रों ने धरने पर AMU माँगे आजादी, JNU माँगे आजादी, संघवाद से आजादी जैसे नारे लगाए।