Wednesday, April 24, 2024
Homeदेश-समाजहम उस कौम से हैं कि अग़र बर्बाद करने पर आए तो छोड़ेंगे नहीं:...

हम उस कौम से हैं कि अग़र बर्बाद करने पर आए तो छोड़ेंगे नहीं: AMU का पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फ़ैजुल हसन

"सब्र की अगर सीमा देखना चाहते हैं तो 1947 के बाद 2020 तक हिंदुस्तानी मुस्लिमों के सब्र की सीमा देखिए। कभी कोशिश नहीं की कि हिंदुस्तान टूट जाए, वरना हम उस कौम से हैं कि अग़र बर्बाद करने पर आए तो छोड़ेंगे नहीं किसी देश को इतना गुस्सा है।"

यह पहला मौक़ा नहीं कि जब एएमयू की घरती पर देश के ख़िलाफ जहर उगला गया हो। एक बार नहीं बल्कि सैकड़ों बार एएमयू की धरती से ‘हिंदुओं की कब्र’ खोदने की बात कही गई। एक बार फिर एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि अग़र बर्बाद करने पर आए तो किसी देश को छोड़ेंगे नहीं, इतना गुस्सा है।

महीनों से सीएए के विरोध में एएमयू अलीगढ़ में चल रहे धरने पर आंदोलनकारी छात्रों को संबोधित करते हुए एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फ़ैजुल हसन ने कहा कि अमित शाह आएँ और हमारे 12वीं क्लास के स्टूडेंट के साथ सीएए पर डिबेट करें। उम्मीद है कि वो हमारे एएमयू के छात्र से जीत नहीं पाएँगे। वो इस विषय पर हमें संतुष्टी के लिए अग़र पांच प्वाइंट भी दे दें तो मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊँगा और सीएए के पक्ष में प्रोटेस्ट करूँगा।

इतना ही नहीं फैजुल हसन ने अपने संबोधन में आगे कहा, “सब्र की अगर सीमा देखना चाहते हैं तो 1947 के बाद 2020 तक हिंदुस्तानी मुस्लिमों के सब्र की सीमा देखिए। कभी कोशिश नहीं की कि हिंदुस्तान टूट जाए, वरना हम उस कौम से हैं कि अग़र बर्बाद करने पर आए तो छोड़ेंगे नहीं किसी देश को इतना गुस्सा है।”

इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने फ़ैजुल को जमकर अपने निशाना पर लिया। एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “तो ये भारत भी 1947 वाला नही है और हम भी 2020 के हिन्दू हैं। तुम जैसे देश तोड़ने वाले सपोलों को कुचलना अच्छी तरह आता है। 1947 में हमारे पूर्वजों ने रहम दिखा दी थी, हम नही दिखाएँगे।”

दरअसल एएमयू के आंदोलनकारी छात्र विश्वविद्यालय के बाबे सैयद गेट पर पिछले करीब 37 दिनों से सीएए के ख़िलाफ धरने पर बैठे हुए हैं। सीएए के विरोध में धरने पर आए दिन किसी न किसी को बुलाया जाता है। आपको बता दें कि 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद इसे 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद 13 जनवरी को विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोल दिया गया, लेकिन विश्वविद्यालय के खुलते ही आंदोलनकारी छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया।

इसके बाद एएमयू इंतजामियाँ ने आंदोलनकारी छात्रों के दवाब में आकर सभी कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। इसके बाद भी आंदोलनकारी छात्र सीएए के ख़िलाफ और एएमयू वीसी से इस्तीफा देने की माँग पर डटे हुए हैं। गौरतलब है कि फैज़ुल हसन पहले भी कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में आ चुके हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आपकी कमाई बच्चों को नहीं मिलेगी, पंजा छीन लेगा…. कॉन्ग्रेस की लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी: छतीसगढ़ में हमलावर...

पीएम मोदी ने कहा, "आप जो अपनी मेहनत से सम्पत्ति जुटाते हैं, वह आपके बच्चों को नहीं मिलेगी बल्कि कॉन्ग्रेस का पंजा उसे छीन लेगा।"

अमेरिका की यूनिवर्सिटी में आजादी के नारे और पुलिस पर हमला… फिलीस्तीन का समर्थन करने वालों पर सख्त हुआ US प्रशासन, 130+ गिरफ्तार

अमेरिका की यूनिवर्सिटियों से हिंसा की घटना प्रकाश में आने के बाद वहाँ का प्रशासन सख्त हैं और गिरफ्तारियाँ की जा रही हैं। NY यूनिवर्सिटी में 133 लोग गिरफ्तार किए गए थे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe