Monday, November 25, 2024

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Assam

असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से चालू, ब्रॉडबैंड पहले से ही था बहाल

असम में शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को 10 दिन के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। नागरिकता संशोधन कानून के कारण असम में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सुरक्षा कारणों से इसे निलंबित किया गया था।

क्या मुस्लिमों के ख़िलाफ़ है NRC? प्रपंचियों के फैलाए अफवाहों से बचने के लिए जानें सच्चाई

क्या कथित अल्पसंख्यकों के प्रति यह षडयंत्र रचा जा रहा है? क्या पहले NRC बीजेपी की सरकार मुस्लिमों को निकाल देना चाहती है?

11 पॉइंट्स में समझिए सच्चाई: CAA के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के लिए फैलाए जा रहे ये सारे झूठ

कुछ लोग हिंसा भड़का कर नॉर्थ-ईस्ट को जलाना चाहते हैं। हम आपके लिए वो 11 झूठ लेकर आए हैं, जिसका इस्तेमाल कर के CAA को असम सहित अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है। 11 झूठ और उन सभी को काटता हुआ सच का पुलिंदा। इसे नोट कर लें।

‘कॉन्ग्रेसी, कॉमरेड और इस्लामी कट्टरपंथियों ने रची थी गुवाहाटी को जलाने की साजिश’

"कॉन्ग्रेस नेता कमरुल इस्लाम हिंसा वाली जगह पर मौजूद था। कॉन्ग्रेस ने अपील की थी कि लोग असम सचिवालय 'जनता भवन' के पास इकट्ठे हों। एक बड़े बुद्धिजीवी ने, जो अकादमिक व्यक्ति भी है, दिल्ली में बैठ कर असम सचिवालय और गुवाहाटी को जलाने की तैयारी की थी। इसमें इस्लामी कट्टरपंथी PFI भी..."

CAB के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बीच गुवाहाटी, शिलॉन्ग में कर्फ्यू में दी गई ढील

असम के गुवाहाटी में आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई है। हालाँकि, सुरक्षा के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएँ अभी भी बंद है।

शरणार्थियों को जगह भी देंगे, असम के हित भी सुरक्षित रहेंगे: PM मोदी का आश्वासन

असम में इसका विरोध मज़हबी से ज़्यादा भाषाई आधार पर हो रहा है, और स्थानीय लोग बांग्लादेशी मुस्लिमों ही नहीं, हिन्दुओं को भी नागरिकता मिलने के खिलाफ हैं।

‘5 लाख बंगाली हिंदुओं को मिलेगी नागरिकता’ – जिन्हें NRC से मिली थी निराशा, CAB ने जगाई आशा!

राज्यसभा में अगर नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB, कैब) पास हो जाता है, तो बांग्लादेश से आए 5 लाख से ज्यादा बंगाली हिंदू, जिन्हें एनआरसी की अंतिम सूची में जगह नहीं मिल पाई थी, उन्हें नागरिकता मिल जाएगी।

अंधविश्वास के कारण हत्या में बड़ी कमी, 107 के मुकाबले सिर्फ 23: असम में BJP सरकार की उपलब्धि

2011 से 2016 के बीच 107 लोगों ने इस कुप्रथा के चलते अपनी जान गँवाई थी। जबकि इसके बाद भाजपा के शासनकाल में इससे संबंधी आँकड़ों में अच्छी-खासी गिरावट। जून 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक अंधविश्वास के चलते होने वाली हत्या का आँकड़ा गिरकर 23 पर आ गया।

अब एक नए मंदिर का मामला कोर्ट में पहुँचा, एक पक्ष ने कहा- यह अनंतकाल से मौजूद है

आईआईटी गुवाहाटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने हाई कोर्ट में मंदिर के खिलाफ याचिका डाली है। उनका दावा है कि यह 2015 तक सिर्फ़ एक चबूतरा था, जहाँ पीपल के पेड़ के नीचे कुछ मजदूरों ने देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ रख दी थी।

इतिहास में गुम हैं मुगलों को 17 बार हराने वाले अहोम योद्धा: देश भूल गया ब्रह्मपुत्र के इन बेटों को

राजपूतों और मराठों की तरह कोई और भी था, जिसने मुगलों को न सिर्फ़ नाकों चने चबवाए बल्कि उन्हें खदेड़ कर भगाया। असम के उन योद्धाओं को राष्ट्रीय पहचान नहीं मिल पाई, जिन्होंने जलयुद्ध का ऐसा नमूना पेश किया कि औरंगज़ेब तक हिल उठा। आइए, चलते हैं पूर्व में।

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