Saturday, May 11, 2024

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छीना नहीं… कानूनन लिया!

मंदिर वहीं बनेगा: CJI गोगोई पर उमड़ा रामभक्तों का प्यार, बताया ‘आज का हनुमान’

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से गोगोई रामभक्तों की आँखों के तारे बन गए हैं। कोई प्रणाम करने के लिए उनका घर ढूँढ़ रहा है तो कोई उन पर ईश्वर की कृपा बने रहने की कामना कर रहा है।

मंदिर वहीं बनेगा, मस्जिद कहीं और बनेगा: 10 प्वाइंट्स में समझें सुप्रीम कोर्ट का पूरा फ़ैसला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़-साफ़ कहा कि हिन्दू विवादित ज़मीन पर अंग्रेजों के आने से पहले से ही पूजा करते आ रहे हैं। कोर्ट ने 1934 के दंगे का जिक्र करते हुए बताया कि भीतरी हिस्सा उसी वक़्त गंभीर विवाद का विषय बन गया था।

सीएम पिता जानते थे बेटा CJI बनेगा, पर शायद ही पता रहा हो अयोध्या जैसा फैसला भी सुनाएगा

रिटायर होने से पहले जस्टिस गोगोई कई और अहम मामलों में फैसला सुना सकते हैं। इनमें सबरीमाला रिव्यू पिटिशन, राफेल रिव्यू पिटिशन, राहुल गाँधी पर अवमानना का मुकदमा, फाइनेंस एक्ट 2017 की वैधता जैसे मामले शामिल हैं।

मंदिर वहीं बनेगा, ट्रस्ट बना कर निर्माण शुरू करे सरकार: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला

ट्रस्ट बनाने और मंदिर निर्माण की योजना के लिए तीन महीने का वक्त सरकार को दिया गया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने कहीं और मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि बोर्ड अपना दावा साबित करने में नाकाम रहा।

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अंग्रेजों के आने से पहले ही राम चबूतरा, सीता रसोई और विवादित ज़मीन के बाहरी हिस्से में हिन्दू पूजा किया करते थे। अर्थात, आउटर कोर्टयार्ड हिन्दुओं की पूजा का मुख्य बिंदु था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सारा विवाद अंदर के हिस्से को लेकर है।

मुस्लिम पक्ष अपना दावा साबित करने में विफल रहा, हिन्दू 1857 से पहले से पूजा करते आ रहे हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि 1857 से पहले हिन्दू यहाँ पूजा करते थे। यानी, अंग्रेजों के आने से पहले ही राम चबूतरा, सीता रसोई और विवादित ज़मीन के बाहरी हिस्से में हिन्दू पूजा किया करते थे।

खाली ज़मीन पर नहीं बनी थी बाबरी मस्जिद, पहले से था ढाँचा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि राम जन्मभूमि कोई ज्यूरिस्टिक पर्सन नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि बाबरी मस्जिद खाली ज़मीन पर नहीं बनी थी। उससे पहले वहाँ स्ट्रक्चर था, जो इस्लामिक नहीं था।

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उन्हें हिंदुत्व का विद्वान माना जाता है। धार्मिक पुस्तकों का उन्हें इतना ज्ञान है कि वह अदालत में बहस के दौरान भी उनका जिक्र करते रहते हैं। तभी तो मद्रास HC के पूर्व मुख्य न्यायाधीश उन्हें 'भारतीय वकालत के पितामह' कहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में चिल्लाए बाबरी मस्जिद के पैरोकार, फाड़ डाले काग़ज़ात और नक़्शे: CJI ने फटकारा

शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान हिन्दू महासभा ने कुछ कागज़ात और नक़्शे दिए थे। अदालत में ही धवन ने उन्हें एक-एक कर फाड़ना शुरू कर दिया। जब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्हें टोका तो उन्होंने कुछ और पन्ने फाड़ डाले।

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पराशरण ने कहा- यह राम का जन्मस्थान है, इसे बदला नहीं जा सकता। किसी को भी भारत के इतिहास को तबाह करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट को इतिहास की गलती को ठीक करनी चाहिए।

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