सीमा से सटे बांग्लादेशी जिलों की गरीब महिलाओं को दलाल लालच देकर अपने जाल में फॉंसते हैं। उन्हें गैर कानूनी तरीके से सीमा पार कराकर लाया जाता है। फिर भी इन महिलाओं को कोलकाता, मुंबई, गोवा सहित देश के अन्य हिस्सों में कोठों पर बेच दिया जाता है।
इन गैरकानूनी शरणार्थियों को इकट्ठा होने दीजिए, एक बड़े जगह पर रखिए तो ये धीरे-धीरे अपने दीवार खड़े करते हैं, गैरमुस्लिम लोगों को उनके इलाके में घुसने से मना करते हैं, फिर संख्या बढ़ने पर स्थानीय प्रशासन से अपने लिए मजहबी आधार पर विशेष अधिकारों की माँग करते हैं, और एक समय आता है कि स्वीडन जैसे देश को बलात्कार के नक्शे पर नंबर एक बना देते हैं।
सीमा सुरक्षा बल ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के घौना मैदान क्षेत्र से 26 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
आतंकी एजाज़ अहमद पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के पारुई इलाक़े का निवासी है। उसके बारे में पता चला है कि वो काफ़ी समय से आतंकवादी संगठन JMB के लिए संगठन के आला सरगनाओं के साथ मिलकर काम कर रहा था। उसका मुख्य कार्य इस आतंकी संगठन से युवाओं को जोड़ना था।
जब 40 के क़रीब बांग्लादेशी पशु तस्करों ने घुसपैठ की कोशिश की, तो बीएसएफ ने उन्हें रोका। इसके बाद एक तस्कर ने बीएसएफ की तरफ धारदार हथियार फेंका। इसके बाद बीएसएफ को पैलेट्स का प्रयोग करने को मज़बूर होना पड़ा।
नया फ़ैसला आने के बाद 18 अगस्त को कृष्णानगर लाइब्रेरी से पाकिस्तान का झंडा उतारा गया और भारतीय तिरंगा फहराया गया। 18 अगस्त को आज़ादी प्राप्त करने के नादिया ज़िले के संघर्ष को यादगार बनाने के लिए...
"शेख मुजीब को देखते ही मोहिउद्दीन नर्वस हो गया। उसके मुॅंह से केवल इतना ही निकला, सर आपनी आशुन (सर आप आइए)। मुजीब ने चिल्ला कर कहा-क्या चाहते हो? क्या तुम मुझे मारने आए हो? भूल जाओ। पाकिस्तान की सेना ऐसा नहीं कर पाई। तुम किस खेत की मूली हो?"
जाँच एजेंसी ने बर्दवान धमाके को भारत में JMB की बड़ी साज़िश का हिस्सा बताया था। उसके मुताबिक भारत में लोगों को उग्रवाद की ओर मोड़ने, उनकी JMB में भर्ती और उन्हें ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराने के मकसद से हो रहे इस ऑपरेशन का अंतिम ध्येय भारत और बांग्लादेश में आतंक फ़ैलाने और इन देशों की लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों के खिलाफ जंग छेड़ना था।
देश में मवेशियों के व्यापार पर प्रभावी रोक ने इस अवैध व्यापार को प्रभावित किया है। फिर भी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी का यह दुष्चक्र बीएसएफ के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसका कोई अंत नहीं है।
गृहमंत्री शाह ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ की समस्या का समाधान खोजने के मद्देनजर सीमा पार के लोगों से इस विषय पर भारत की चिंता को साझा किया है। जिसके बाद दोनों देशों के गृह मंत्रियों ने सीमा पार अपराधों के खतरे को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।