जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो उन्होंने आरे में आंदोलन करने वाले करीब दो दर्जन ‘पर्यावरण प्रेमियों’ के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामलों को वापस ले लिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि मेट्रो नहीं रुकेगा लेकिन आरे में अब पेड़ तो क्या, एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा।
इन बर्खास्त किए गए मंत्रियों में इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं।
"आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करती। ज्योतिरादित्य ने राजमाता जी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला लिया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूँ।"
"मेरे गृह राज्य के लिए हमने एक सपना पिरोया था। 2018 में वहॉं सरकार बनी, लेकिन 18 महीनों में वे सपने बिखर गए। किसानों से 10 दिन में कर्ज माफी की बात कही गई थी। लेकिन 18 महीनों में नहीं हो पाया। रोजगार की जगह भ्रष्टाचार के अवसर पैदा हुए।"
नॉमिनेशन में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर सत्ताधारी वाईएसआर कॉन्ग्रेस पार्टी के गुंडों ने हमला किया। ताज़ा घंटा चित्तूर जिले के पुलिचेलारा मंडलम क्षेत्र की है।
माधवराव सिंधिया जब जनसंघ के सदस्य बने थे, तब उनकी उम्र मात्र 25 साल थी। बाद में वे कॉन्ग्रेसी हो गए। आज जैसे कॉन्ग्रेस में उनके बेटे को दरकिनार किया गया है, ऐसा कभी उनके साथ भी हुआ था। तब 1993 में उन्होंने 'मध्य प्रदेश विकास कॉन्ग्रेस' बनाई थी।
देवाशीष की हत्या ऐसे वक्त में की गई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में बंगाल में रैली कर लौटे हैं। उनकी रैली के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कई घटना सामने आई है। रैली में शामिल होने को लेकर महिला नेत्री के घर फायरिंग भी की गई थी।
कॉन्ग्रेस अपने राजनैतिक विरोधियों को किस तरह प्रताड़ित करती है, यह संजय पाठक से सुनिए। वे हत्या की आशंका जता रहे हैं। कह रहे हैं कि कॉन्ग्रेस में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जब से कॉन्ग्रेस के खुद के MLA बागी हुए हैं वे निशाने पर हैं।
उन्होंने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के 15-20 कॉन्ग्रेस विधायक भाजपा से संपर्क में हैं। उनके इस बयान के बाद ख़ुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सकते में हैं। वो भाजपा पर विधायकों की ख़रीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं। दिग्विजय सिंह ने भी ऐसे ही दावे किए थे।
"बंगाल में चूहा भी काट ले तो ये लोग (BJP वाले) सीबीआई जाँच की माँग करते हैं। वहीं, दिल्ली में इतने लोगों की हत्या हुई, इसको लेकर कोई न्यायिक जाँच नहीं हुई। मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों के द्वारा न्यायिक जाँच की माँग करती हूँ।"