जहाँ एक तरफ मुकेश अंबानी देवड़ा का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राहुल गाँधी उनके भाई अनिल अंबानी पर हमलावर रुख़ अपनाते रहे हैं। देवड़ा को इस समय पूरे दक्षिण मुंबई में व्यापारी वर्ग की तरफ से समर्थन मिल रहा है। स्टेनलेस स्टील मर्चेंट एसोसिएशन, बुलियन, रत्न और ज्वेलरी एसोसिएशन से लेकर...
वीडियो देखने से पता चलता है कि पूरे पोलिंग बूथ पर काफ़ी तोड़-फोड़ की गई। VVPAT मशीन और बैलट यूनिट सहित EVM ज़मीन पर पड़ा था। इस घटना के बाद चोपरा के बूथ नंबर 112 पर मतदान रोक दिया गया।
डॉक्टर शक्ति भार्गव के माता-पिता ने बहू-बेटे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। भार्गव ने 500 करोड़ रुपए के बीआईसी के तीन बेशकीमती बंगले 11.5 करोड़ में ख़रीदे। 2018 में आयकर विभाग ने लैंड माफिया डॉक्टर भार्गव के कई ठिकानों पर छापा मारा था।
कॉन्ग्रेस के 10 साल भी जनता को याद हैं, कॉन्ग्रेस ने आते ही जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दी।" साध्वी ठाकुर ने कहा कि ये देश का कार्य है, इसमें सबको साथ आकर काम करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वो 23 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
अब यदि विपक्ष के द्वारा संवैधानिक अवहेलना एवं संस्थागत अवमानना पर विचार किया जाए, तो कई सारे उदाहरण और मिल जाएँगे। और यदि उनके इतिहास के बारे में सोचा जाए, तो ऐसे उदाहरणों की कोई कमी नहीं होगी। एक भारतीय के रूप में हमें इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान व संस्थाएँ, दोनो ही मोदी सरकार मैं पूर्ण रूप से संरक्षित हैं।
ट्वीटर यूजर द्वारा किया गया ये दावा पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है। सच्चाई तो ये है कि इस वीडियो या फिर इस मुद्दे को किसी मेनस्ट्रीम मीडिया ने इसलिए कवर नहीं किया, क्योंकि आज सूरत में भाजपा समर्थकों द्वारा कोई बाइक रैली नहीं की गई थी।
रवींद्र जडेजा का पूरा परिवार हाल ही में सक्रिय राजनीति में आया है। उनकी पत्नी रिवाबा जडेजा ने 3 मार्च को बीजेपी का दामन थामा था। जडेजा के पिता और बहन 14 अप्रैल को कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद अब जडेजा ने ट्वीट कर भाजपा का समर्थन किया है।
मुख्यधारा की मीडिया ने हमेशा की तरह मौन व्रत ले रखा है। किसी-किसी मामले में बोलना पड़ भी रहा है तो एक-एक शब्द इतनी कंजूसी से निकल रहा है कि मानों शोक जताने पर भी आचार संहिता लगी हुई है। न अब कहीं असहिष्णुता फ़ैल रही है, न ही प्राइम-टाइम डिबेट चल रहा है।
आजम खान के द्वारा किए गए महिला विरोधी बयान की वजह से महागठबंधन को किसी तरह का कोई राजनीतिक नुकसान ना हो, इसलिए आरफा खानम शेरवानी आजम खान के समर्थन में आ गई। उन्होंने दावा किया कि आजम खान ने जो बयान दिया था, वो जया प्रदा के लिए नहीं, बल्कि पूर्व सपा नेता अमर सिंह के खिलाफ था।