दीपिका पादुकोण ने फ़िल्म में एसिड अटैक सर्वाइवर का महज़ किरदार निभाया जबकि रंगोली चंदेल पर हक़ीक़त में तेज़ाब से हमला हुआ था। उन्होंने वास्तव में उस दर्दनाक पीड़ा को सहा है। लेकिन वामपंथी गिरोह के अतुल खत्री को मतलब सिर्फ दक्षिणपंथी घृणा से है। तभी तो वो फिल्म को सराहते हैं जबकि चंदेल को चांडाल बोल कर...
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दीपिका की तारीफ़ की। उन्होंने दीपिका को एक बहादुर महिला बताया। आसिफ गफूर ने दावा किया कि दीपिका पादुकोण विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुर की तरह खड़ी हुईं। उन्होंने कहा कि मानवता सबसे ऊपर होना चाहिए।
फायदे के लिए कंट्रोवर्सी पैदा करना बॉलीवुड का पुराना ट्रेंड है। दीपिका का जेएनयू जाना भी इससे अलग नहीं है। 'उनलोगों' को नाराज़ करने का रिस्क नहीं लेने वाला बॉलीवुड पब्लिसिटी के लिए बहुसंख्यकों की भावना से भी खेलता रहता है।
वो बचपन से ही गायक बनने के सपने देखती थी। लेकिन, एक मनहूस घड़ी उस पर नईम की नजर पड़ी। शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद नईम ने 10 महीने तक पीछा किया। फिर एक दिन...
पाकिस्तान से सराहना पाने वाली दीपिका के पसंदीदा नेता भी पड़ोसी मुल्क को खूब भाते हैं। एक इंटरव्यू में दीपिका ने राहुल गॉंधी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखने की इच्छा जताई थी। कहा था कि राहुल जो देश के लिए कर रहे हैं वह क्लासिक उदाहरण है।
दीपिका पादुकोण ने अब तक इस मामले में चुप्पी साध रखी थी लेकिन अब विरोध प्रदर्शन में उन्होंने भाग लिया है। दीपिका पादुकोण की 'छपाक' रिलीज होने जा रही है, जिसमें उन्होंने एक एसिड अटैक पीड़िता का किरदार निभाया है।
एक अख़बार से अपनी तुलना किए जाने और ख़ुद को 'सस्ता' बताने के राज के ट्वीट से भड़की स्वरा ने गुस्से में उन्हें भला-बुरा सुनाया। उन्होंने कहा कि राज उन्हें रोल ऑफर करते हैं और अपनी फ़िल्म का ट्रेलर शेयर करने का निवेदन करते हैं। राज ने कहा कि अगली बार फिर रोल ऑफर करूँगा।
ईसाई संगठनों की अगुआई कर रहे सोनू जाफ़र ने अपनी शिक़ायत में बताया कि शो की एंकर फ़राह खान ने भारती सिंह और रवीना टंडन को एक अंग्रेज़ी शब्द ‘Hallelujah’ लिखने को कहा। इन दोनों ने ब्लैकबोर्ड पर ‘Hallelujah’ शब्द की स्पेलिंग लिखी। इसी दौरान...
#shameonbolllywood को सही बताते हुए कंगना ने बॉलीवुड कलाकारों पर निशाना साधा और कहा कि उनकी नजर में सभी सेलेब्रिटीज डरे हुए इंसान हैं, वे हर चीज से डरते हैं, वे डरपोक हैं, कायर हैं और बिना रीढ़ के लोग हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण ये हो सकता है कि उन्होंने नए क़ानून को पढ़ने की जहमत ही नहीं उठाई और दूसरा कारण ये हो सकता है कि उन्हें पढ़ कर भी कुछ समझ नहीं आया। तभी उन्होंने 'दो बाप' वाली पहेली बुझाई।