"दंगाइयों ने मेरे पति को दौड़ा कर उनके सिर पर रॉड से वार किया। इसके बाद वो किसी तरह भागते हुए घर पहुँचे। वहाँ पहुँच कर उन्होंने मुझे सारी बातें बताईं। इसके बाद वो अचानक से बेहोश हो गए।" - क्या मुख्यमंत्री सोरेन सुन रहे हैं मृतक की पत्नी की दर्द भरी आवाज़?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में निकले रोजगार के एक विज्ञापन का जिक्र किया। इसमें सफाई के कामों के लिए कर्मचारियों की वैकेंसी निकाली गई थी। इस वैकेंसी में सिर्फ गैर-मुस्लिमों को ही पात्र बताया गया था।
CAA का समर्थन करने गए नीरज तो अब नहीं रहे... लेकिन छोड़ गए एक बेटी और एक बेटे को। दोनों ही छोटे हैं। कमाने वाले वो अकेले थे। अब सारा बोझ उनकी पत्नी पर! फिर भी परिजनों की माँग नहीं सुन रही है सोरेन सरकार। क्योंकि CM साहब मंत्रिमंडल विस्तार में व्यस्त हैं। किसी भी मंत्री ने पीड़ित परिजनों की सुध लेने की कोशिश नहीं की।
प्रदीप भंडारी रिपब्लिक टीवी के शो ‘ललकार’ को होस्ट कर रहे थे। इस दौरान जैसे ही उन्होंने इमाम को देशद्रोही और देश के लिए खतरा बताया, एक पैनलिस्ट पहले तो जोर-जोर से चिल्लाने लगा और फिर उनके साथ बदसलूकी भी की।
शरजील ने लोगों को सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकेन्स नेक) को ब्लॉक कर के पूरे उत्तर-पूर्व को शेष भारत से अलग-थलग करने के लिए भड़काया था और अपनी 'टुकड़े-टुकड़े' वाली मानसिकता का परिचय दिया था। उसे बिहार के जहानाबाद से गिरफ़्तार किया गया।
जिसने माँ सरस्वती की कई मूर्तियाँ अपने हाथों से गढ़ी थी, वो इन मूर्तियों को बेच भी नहीं पाया। सीएए के समर्थन की सज़ा उसे मौत के रूप में मिली। मुस्लिमों की इस हिंसा का शिकार हुए नीरज के पिता भी बीमार रहते हैं और उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। ऊपर से परिजनों पर सरकार का दबाव।
CAA रैली में मुस्लिमों ने लोहे के रॉड से उनके माथे पर पीछे से वार किया। कई दिनों से अस्पताल में भर्ती नीरज की मौत हो गई। प्रशासन व पुलिस पीड़ित परिजनों पर दबाव डाल रहा है कि वो ऐसा बोलें कि नीरज की मौत बाथरूम में गिरने से हुई है। किसे बचाने का प्रयास कर रही हेमंत सरकार?
"मुस्लिमों को हमेशा काले रंगों में डार्क लाइटिंग के साथ दिखाया गया। जबकि हिंदुओं को रोशनी और रंगीन कपड़ो में। ये बेहद शर्मनाक और खतरनाक है। हम ऐसी फिल्मों के जरिए अपने बच्चों को जाहिल बना रहे हैं।"
लोहरदगा में हुई हिंसा में घायल होने के बाद उन्हें राँची के ऑर्किड अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहाँ से 2 दिन के इलाज के बाद ब्रेन हेमरेज व स्थिति गंभीर बताकर उसे रिम्स रेफर कर दिया गया था। CAA के समर्थन में निकाले गए तिरंगा यात्रा के दौरान पत्थरबाजी में नीरज घायल हो गए थे।