OpIndia is hiring! click to know more
Tuesday, April 15, 2025
Homeराजनीति'RSS बॉलिवुड फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख रहा, भाजपा फिल्म इंडस्ट्री को बहुत चालाकी से...

‘RSS बॉलिवुड फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख रहा, भाजपा फिल्म इंडस्ट्री को बहुत चालाकी से इस्तेमाल कर रही’

"बॉलीवुड जाने-अनजाने में खुद हिंदुत्व के प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रहा। भाजपा फिल्म इंडस्ट्री को बहुत चालाकी से इस्तेमाल कर रही हैं। मुझे लगता है आरएसएस का नागपुर हेडक्वार्टर फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख रहा है।"

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी को अपना इंटररव्यू दिया। इस साक्षात्कार के दौरान स्वरा भास्कर ने नए कानून को न केवल अंसवैधानिक बताया बल्कि उसे हिंदू राष्ट्र की नींव डालने वाला बताया।

इंटरव्यू में स्वरा भास्कर ने सीएए/एनआरसी को लेकर खुलेआम झूठ बोला। उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने के बाद जिन हिंदुओं को उस सूची बाहर किया जाएगा, उन्हें सीएए के सहारे दोबारा भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। लेकिन वास्तविकता में देखा जाए तो सीएए का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना ही नहीं है।

फिल्म इंडस्ट्री और बॉलीवुड कलाकारों पर बात करते हुए स्वरा भास्कर ने उन लोगों को सराहा जो उनके समर्थन में हैं और मोदी सरकार द्वारा लाए कानून के ख़िलाफ़ खड़े हैं। उनका कहना है कि इंडस्ट्री से उन्होंने कभी नहीं सोचा था इतने लोग उनकी तरह खड़े होंगे। 2016 में जेएनयू मामला होने के बाद से वो मान चुकी थीं इन मुद्दों पर बोलने वाली सिर्फ़ वहीं हैं। लेकिन अब अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, ऋचा चड्ढा औैर दीपिका पादुकोण जैसे लोगों का पक्ष जानकर उन्हें खुशी है।

शाहीन बाग के प्रदर्शन पर बैठीं महिलाओं का समर्थन करते हुए स्वरा भास्कर ने मोदी सरकार को महिलाओं के नाम पर राजनीति करने वाला बताया। साथ ही बॉलीवुड से जुड़े लोगों की बात करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री कभी कोई आंदोलन नहीं चला सकती। क्योंकि कानून के ख़िलाफ़ बोलने के अलावा यहाँ वो लोग भी हैं, जो इस कानून का समर्थन कर रहे हैं। और सरकार उन्हें जब भी सेल्फी लेने के लिए बुलाएगी, वो वहाँ बिलकुल जाएँगे।

राजनीति से प्रभावित हुईं फिल्मों के मुद्दों पर बोलते हुए स्वरा भास्कर कहती हैं कि वर्तमान सरकार का अजेंडा अब तानाजी जैसी फिल्मों के साथ मिश्रित हो चुका है। तानाजी और छपाक जैसी फिल्मों को एक दूसरे के ख़िलाफ खड़ा किया जा रहा है। ताकि एक निश्चित समुदाय के ख़िलाफ़ माहौल बन सके।

साक्षात्कार के दौरान जब आरफा स्वरा से पूछती हैं कि क्या ये सब पॉलिटिकल अजेंडा बन चुका है। तो स्वरा भास्कर कहती हैं कि बॉलीवुड जाने-अंजाने में खुद हिंदुत्व के प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रहा है। उनके अनुसार, बॉलीवुड इस बात को जानता है या नहीं, लेकिन भाजपा फिल्म इंडस्ट्री को बहुत चालाकी से इस्तेमाल कर रही हैं। वे कहती हैं, “मुझे लगता है आरएसएस का नागपुर हेडक्वार्टर फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख रहा है। कुछ बॉलीवुड के लोग उनके हिंदुत्व नैरेटिव को बढ़ाने के लिए भोंपू की तरह काम कर रहे हैं। अगर आप पिछले 5 सालों की ऐतिहासिक फिल्में देखेंगी तो पता चलेगा कि किस प्रकार मुस्लिम शासकों को दर्शाया गया और किस तरह हिंदू राजाओं को गढ़ा गया।”

स्वरा के अनुसार, पिछले 5 सालों में मुस्लिमों को काले रंगों के कपड़ों में और गाढ़ी लाइटिंग के साथ दिखाया गया। जबकि हिंदुओं को रौशनी और रंगीन कपड़ो में। ये बेहद शर्मनाक और खतरनाक हैं। स्वरा आरोप लगाती हैं कि ऐसी फिल्में ऐतिहासिक तथ्यों से दूर-दूर तक सरोकार नहीं रखतीं।

उनके मुताबिक, ये हैरानी की बात है कि मुस्लिमों को विलेन दिखाने की हिंदुत्व की धारणा को बॉलीवुड इतिहास पर आधारित फिल्मों के जरिए बढ़ावा दे रहा है, जो कि वास्तविकता में गलत है। उनके अनुसार हम ऐसी फिल्मों के जरिए अपने बच्चों को जाहिल बना रहे हैं।

गौरतलब है कि द वायर की पत्रकार आरफा खानुम और स्वरा भास्कर की इस बातचीत में भले ही आरफा केवल साक्षात्कर्ता की भूमिका में नजर आईं। लेकिन अगर इस पूरे इंटरव्यू को ध्यान से सुना जाए, तो मालूम चलेगा कि इस बातचीत के जरिए आरफा खानुम ने अपने अजेंडे के मुताबिक बॉलीवुड पर, नरेंद्र मोदी सरकार पर, सीएए कानून पर न केवल निशाना साधा बल्कि बातचीत के जरिए अपनी कुँठा भी निकाली। वहीं स्वरा ने तो जमकर अपने कार्यक्षेत्र को भला-बुरा बोला और अपने सहकर्मियों की आलोचना तक की।

तुम ‘दैनिक भास्कर’ से भी सस्ती बिकती हो: फ़िल्म निर्देशक ने मज़ाक-मज़ाक में स्वरा को जम कर लताड़ा

चोट हलाला, पॉलीगेमी, तलाक पर की जाती है, दर्द इन्हें होता है: मिलिए ‘The Wire’ की आरफा खानम जी से

‘The Wire’ की पत्रकार आरफा खानम को लोगों ने समझाया जर्मनी-भारत का फर्क, कहा- हिटलर के विरोध के बाद…

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ISF के उपद्रवियों की आगजनी, पुलिस पर भी हमला: मालदा, मुर्शिदाबाद और सिलीगुड़ी के बाद अब दक्षिणी 24 परगना में भड़की हिंसा

इंडियन सेक्युलर फ्रंट के हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें एक वैन और कई दोपहिया वाहन जलकर खाक हो गए।

हरियाणा के इस शख़्स को ख़ुद PM मोदी ने पहनाए जूते, जानिए क्यों 14 सालों से नंगे पाँव थे रामपाल कश्यप

मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूँ, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।"
- विज्ञापन -