अब केरल विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पास किए गए प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं रहा। क्योंकि इस प्रस्ताव पर आगे काम करने के लिए पिनरई विजयन सरकार को राज्यपाल के हस्ताक्षर लेने अनिवार्य हैं, जो खुले तौर पर इसका विरोध कर चुके।
"कन्नन ने न सिर्फ़ पीएम मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की है, बल्कि उन्होंने पीएम और गृहमंत्री को जान से मारने की धमकी दी। कन्नन कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जैसा तमिलनाडु में राजीव गाँधी के साथ हुआ था।"
“नफ़रत फैलाने वाली भीड़ के ख़िलाफ तत्काल अनुशासनात्मक और क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस कार्यक्रम के आयोजकों और मास्टरमाइंड की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें तुरंत निष्कासित कर दिया जाना चाहिए।”
कोटा में 962 बच्चों की मौत कॉन्ग्रेस सरकार की नाकामी दिखाती है, इसीलिए वहाँ मीडिया सवाल नहीं पूछ रहा। एक बच्ची के स्वास्थ्य के साथ खेल रहे प्रदर्शनकारी मीडिया के लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। इस देश के मीडिया की दुर्गति यही है कि जब तक ‘भाजपा’ वाला धनिया का पत्ता न छिड़का गया हो, इन्हें न तो दलित की मौत पर कुछ कहना है, न बड़ी संख्या में नवजात शिशुओं की मृत्यु पर इन्हें वो ज़ायक़ा मिल पाता है।
CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान भीड़ को इनलोगों ने हिंसा और पुलिस पर हमले के लिए उकसाया था। FIR में एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज का भी नाम है। उसके अलावा पॉंच पूर्व छात्र ऐसे हैं जिनका आपराधिक अतीत रहा है।
20 दिन की उम्मी हबीबा को उसकी ही अम्मी ने कड़ाके के ठंड में मोदी विरोध की आग में झोंक दिया है। वामपंथी उस पर हाथ सेंक रहे। जबकि यही उम्मी बड़ी होगी तो पूछेगी- बिना कानून पढ़े, किसके उकसाने पर मेरी जान को खतरे में डाल आई थी?
फेसबुक पर मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जेएनयू द्वारा अपलोड की गई 14 दिसंबर 2019 की वीडियो है। जिसमें शर्जील सीएए के ख़िलाफ़ लोगों को कहता नजर आ रहा है कि उनकी संपत्तियाँ जब्त कर ली जाएँगी और उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। इसके अलावा 40 सेकेंड की वीडियो में वो कुरान का हवाला दे देकर बताने की कोशिश कर रहा है कि आखिर किस तरह कुरान, संविधान से ऊपर हैं।
अगर सच में बैंडेज पहनने का शौक है तो उपद्रवियों के लिए दो विकल्प हैं। पहला विकल्प ये है कि वो यूपी में जाकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर सकते हैं। पुलिस उनकी ऐसी मरम्मत करेगी कि वो ख़ुद असली मरहम-पट्टी के साथ लौटेंगे। लेकिन हाँ, वो फिर सड़क पर उतर कर 'ड्रामा खेलने' की हिम्मत शायद ही जुटा सकें।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर फ़ॉर सिटीजन (NRC) लागू नहीं किया जाएगा.......