आज विपक्षी नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि यह मुश्किल प्रतीत हो रहा है कि लॉकडाउन को जल्द ही खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कोरोना वायरस से पहले और उसके बाद का जीवन बिल्कुल भी एक सा नहीं रहेगा। कई सामाजिक, व्यवहारिक, व्यक्तिगत बदलाव होंगे।
सेवा भारती 1200 संस्थाओं के साथ मिल कर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि कोई इलाक़ा राहत के दायरे से बाहर न हो। 26 लाख लोगों के भोजन की जिम्मेदारी संगठन ने उठा रखी है। सबसे ज्यादा स्वयंसेवक केरल में लगाए गए हैं।
पत्थरबाजी की घटना को लेकर पुलिस ने नासिर, इस्लाम, समीर और सलीम को गिरफ्तार किया है। इन सब पर 'नेशनल सिक्योरिटी एक्ट' के तहत कार्रवाई की जाएगी। थूकने के मामले में मोइज अली और जुजेर हुसैन को गिरफ्तार किया गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस दवा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अपनी जरूरत के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन पीएम मोदी सही हैं, उन्होंने मदद की।
मामले की जाँच के लिए पुलिस परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल सकती है। इस क्वारंटाइन सेंटर में 200 लोगों को रखा गया है, जो कि दिल्ली मरकज से जुड़े हुए हैं।
कोरोना से जंग लड़ने के लिए देश में जारी लॉकडाउन के बीच क्वारंटाइन सेंटर्स पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार किए गए असम से विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
दोनों समुदाय के बीच घंटों चले पथराव में सौरभ, विवेक, इंद्रपाल, सुमित, टीटू, शरद, पुनीत, सोनू, पप्पू, माया, कल्लो, पूरन सहित कुल 12 लोग घायल हो गए। सभी को पुलिस ने अलीगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं पुलिस ने मौके पर पीछा कर प्रधान चमन खाँ पक्ष के 6 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
ICMR के रमन गंगाखेडकर ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश में अब तक कोरोना वायरस के 1,07,006 टेस्ट किए गए हैं। वर्तमान में 136 सरकारी प्रयोगशालाएँ काम कर रही हैं। इनके साथ में 59 और निजी प्रयोगशालाओं को टेस्ट करने की अनुमति दी गई है, जिससे टेस्ट मरीज के लिए कोई समस्या न बन सके। वहीं 354 केस बीते सोमवार से आज तक सामने आ चुके हैं।
भारत में तबलीगी जमात और यूनाइटेड किंगडम में इस्कॉन के आचरण की अगर बात करें तो तबलीगी जमात के विपरीत, इस्कॉन भक्त जानबूझकर संदिग्ध मामलों का पता लगाने से बचने के लिए कहीं भी छिप नहीं रहे, बल्कि सामने आकर सरकार का सहयोग और अपनी जाँच भी करा रहे हैं। उन्होंने तबलीगी जमात की तरह अपने कार्यक्रम में यह भी दावा नहीं किया कि उनके भगवान उन्हें इस महामारी से बचा लेंगे ।
चीन तो हमेशा से दुनिया को ऐसी आपदा देने में अभ्यस्त रहा है। इससे पहले भी कई ऐसे रोग और वायरस रहे हैं, जो चीन से निकला और जिन्होंने पूरी दुनिया में कहर बरपाया। आइए, आज हम उन 5 चीनी आपदाओं के बारे में बात करते हैं, जिसने दुनिया भर में तहलका मचाया।