बिहार में अब तक कोरोना के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से एक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि राज्य में हाल में विदेश से 520 लोग लौटे हैं। इसके कारण आशंका जताई जा रही है कि कोरोना के और भी मरीज हो सकते हैं, जिन्हें आइसोलेट कर इलाज किए जाने की ज़रूरत है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने जनता कर्फ्यू से ध्यान खींचने के लिए ऐसा किया हो। हालाँकि, इस सम्बन्ध में अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है।
“कनिका कपूर को अस्पताल में उपलब्ध सबसे बेहतर सेवा दी जा रही है। लेकिन उन्हें बतौर मरीज हमारे साथ सहयोग करना चाहिए, ना कि वह अपने स्टार वाले नखरे दिखाएँ। उन्हें ग्लूटेन-फ्री डाइट दी जा रही है जो कि अस्पताल के किचन में तैयार की जा रही है।”
कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू की अपील की थी। इसका असर पूरे देश में दिख रहा है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में रहकर इस संकट के वक्त अपने दायित्वों को निभा रहे हैं।
एक व्यक्ति ने IAS अधिकारी वर्षा को सलाह दी कि वे दूसरे संसाधनों का प्रयोग करते हुए डॉक्टरों को सैलरी दें। वर्षा ने कहा कि अगर उनके पास दूसरे संसाधन होते तो फिर वो सैलरी के लिए दिल्ली सरकार के फंड्स का इन्तजार ही क्यों करती?
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"मेरी सबसे प्रार्थना है कि आप जिस शहर में हैं, कृप्या कुछ दिन वहीं रहिए। इससे हम सब इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर भीड़ लगाकर हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कृप्या अपनी और अपने परिवार की चिंता करिए, आवश्यक न हो तो अपने घर से बाहर न निकलिए।"
चीन ने न सिर्फ इस वायरस से निपटने में लापरवाही दिखाई बल्कि जिन लोगों ने भी कोरोना वायरस के बारे में चीनी प्रशासन को सचेत करने की कोशिश की उनकी आवाजों को दबा दिया गया।
आज से 328 साल पहले एक्राम ख़ान के हमले दौरान मंदिर में इस तरह का सन्नाटा पसरा था। एक्राम ख़ान ने जब मंदिर पर हमला किया था, तब उसने भारी लूट मचाई थी और जमकर कत्लेआम हुआ था। वह औरंगज़ेब का जनरल था।
ये वह समाज है जिससे मोदी कह दें कि विष्ठा मलद्वार से करनी चाहिए तो वह अपने मुख से करने लगेगा। इनका ऑक्सीजन भी मोदी-विरोध है। इनका गड़बड़ाया पाचन तंत्र भी मोदी को गाली देकर दुरुस्त होता है। इस समाज के गाँजा और सेक्स लाइफ का एक्स फैक्टर है मोदी विरोध।