सेंधमारी के लिए ऐसे घरों का चयन किया जाता था, जो काफ़ी समय से बंद हों और वहाँ कोई रहता न हो। इसके बाद आरोपित उस घर में सेंधमारी करने जाते थे तो अच्छे कपड़े पहनकर जाते थे, जिससे पड़ोसियों को लगे कि वो उस घर के सदस्यों के कोई रिश्तेदार हों।
"मैं इसीलिए बयान नहीं देती ताकि लोग तालियाँ बजाएँ। तुम्हारे विचार प्रकट कर देने भर से बलात्कारियों के मन में ख़ौफ़ नहीं बैठ जाएगा। हैदराबाद पुलिस ने जो किया, एकदम सही किया। मैं डॉक्टर रेड्डी के दर्द के बारे में सोच भी नहीं सकती लेकिन इस एनकाउंटर से मैं ख़ुश हूँ।"
माँगों को माने जाने के बाद परिवार पीड़िता का अंतिम संस्कार करने पर राज़ी हो गया। परिवार के पास पहले से जो मकान है, उसे पक्का किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक और घर दिया जाएगा। पीड़िता की बहन को सुरक्षा देने के आलावा घर पर भी 24 घंटे सुरक्षा दी जाएगी।
"रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक महिलाएँ किसी भी पुलिस स्टेशन या टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती हैं। पुलिस उन्हें पिक कर लेगी और उन्हें उनके निर्धारित स्थानों तक सुरक्षित पहुँचाएगी।"
उन्नाव में दरिंदगी का शिकार हुई पीड़िता का शव उनके गाँव पहुँच चुका है। कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। लेकिन अभी पीड़िता का परिवार शव के अंतिम संस्कार को राजी नहीं है। मृतका के परिजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद...
"मरने से पहले मेरी बेटी ने बताया कि 2 महीने से उसके साथ बार-बार सामूहिक बलात्कार हो रहा था। मेरी बेटी को छोड़ने के लिए आरोपित ने 50000 रुपए की माँग की थी, लेकिन हम केवल 17000 रुपए ही दे पाए। गुस्से में उसने मेरी बेटी को जला कर मार डाला।"
अक्टूबर में आरोपित इंद्रपाल ने अपने मोबाइल से पीड़िता का उस समय वीडियो बना लिया जब वो अपने आंगन में नहा रही थीं। वीडियो बनाने के बाद उसने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इसके बाद...
चारो आरोपितों अल्ताफ, सरफराज उर्फ सफ्फू, इरशाद उर्फ मंगली व सौयब ने लगभग दो घंटे बाद पीड़िता नाबालिग को खेत में ही छोड़ कर फरार हो गए। घटना के बाद पीड़िता ने घर आकर आपबीती अपनी माँ को बताई तो......
ऑटो के नजदीक पहुँचने पर जंगल के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज़ आई। आवाज़ सुनते ही परिजन रात के अँधेरे में मोबाइल का टॉर्च जला कर उस तरफ़ दौड़ पड़े। लोगों की आवाज़ सुन कर आरोपित वहाँ से भाग निकला।
23 वर्षीय पीड़िता के साथ ये घटना तब हुई, जब वह रायबरेली कोर्ट में सुनवाई के लिए जा रही थीं। पीड़िता ने मरने से कुछ देर पहले अपने भाई से कहा था- "भैया, बचा लो! मैं मरणा नहीं चाहती। जिन्होंने मेरे साथ ग़लत किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।"