ये घटना उत्तरी कश्मीर के हंदवारा स्थित वागत गाँव की है। शिक्षक ने बच्चे की इतनी पिटाई की कि वह ज़मीन पर लेट गया। इसके बाद उसने कुल्हाड़ी हाथ में लेकर उसे मारने की धमकी दी और डराया भी। अभी तक इसके पीछे के कारणों का पता नहीं चला है।
इमाम का कहना है कि इस छोटे से वाकये पर सियासत नहीं करनी चाहिए। इमाम ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि कुछ लोग मंदिर के नाम पर अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस छोटे से वाकये पर सियासत नहीं करनी चाहिए।
पीड़िता ने जब इस्लाम कबूलने की बात नहीं मानी तो गुलशन शेख ने उस पर मुज्जफर लतीफ पटेल से शादी करने का दबाव डाला। उसकी तथा उसके पिता की हत्या करने की धमकी दी। आरोपितों के चंगुल से पीड़िता किसी तरह भागने में कामयाब रही और पुलिस के पास पहुँची।
बुजुर्ग ने कहा- "बैर न कर काहू सन कोई, राम प्रताप विषमता खोई।" चौपाई सुनते ही युवकों के होश उड़ गए और इसके बाद जब वहाँ भीड़ जुटने लगी, तो युवक वहाँ से भाग खड़े हुए।
"नशे में धुत कुछ युवक मेरे घर के नीचे इकट्ठा हो गए थे और जब आस-पास के लोगों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो उन्होंने करीब 400 लोगों को हमला करने के लिए बुला लिया। इस दौरान AAP विधायक इमरान हुसैन भी वहाँ आए और उन्होंने मुस्लिम भीड़ का समर्थन किया।"
"मेरी दोनों पत्नियाँ इस्मत परवीन और जबना आपस में लड़ने के साथ-साथ मुझसे भी लड़ती थीं। इस कारण मैं काफ़ी परेशान रहने लगा था। इसी वजह से मैंने पहले अपनी पहली बीवी इस्मत का गला घोंटा और बाद में जबना को मार डाला।
जाँच अधिकारी ने बताया कि क़ानून के अनुसार, अगर 50 रुपए से अधिक क़ीमत के किसी भी जानवर को मार दिया जाए या ज़हर दिया जाए, तो आरोपित को 5 साल की जेल होगी या उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालाँकि, जानवर के मालिक के साथ समझौता करना भी एक विकल्प हो सकता है।
आरोपित ने कोर्ट के इस फैसले को 2 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद आरोपी पर फिर से मुकदमा चलने के रास्ते साफ हो गए हैं। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और एन वी रमन्ना की एक पीठ ने आरोपित की याचिका खारिज कर दी और अब उस पर ट्रायल चलेगा।
ISIS के झंडे लहराए गए। तबरेज अली के बैनर-पोस्टर के साथ उसे शहीद का दर्जा देने की माँग की गई। इंस्पेक्टर, सीओ और सिटी एसपी से धक्कामुक्की की गई। राहगीरों को परेशान किया गया। पाँच थानों में 70 नामजद सहित हज़ारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले साज़िश के तहत यह अफवाह फैलाई गई कि एक मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई है और उससे जबरदस्ती 'जय श्री राम' बुलवाया गया है। इस अफवाह के बाद मुस्लिम मॉब मंदिर में घुस आई और मूर्तियों को तोड़-फोड़ दिया।