यही वीडियो बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की नजरों में आया और उन्होंने इसे रीट्वीट करते हुए इच्छा जताई कि हमें भी ऐसी ही एक बादल बनाने वाली मशीन की जरूरत है। कुछ यूजर्स ने 'इसरो' से शिकायत करते हुए कहा है कि आखिर वो कब ऐसी चीज बना पाएँगे?
चिन्मयी के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने आकर जवाब दिया। पुलिस ने ट्वीट कर केस से संबंधित तथ्य रखे और बताया कि उक्त घटना रामपुर में हुई थी। एक महिला ने अमीर अहमद और सत्तार अहमद पर गैंगरेप का आरोप...
इस यूज़र ने यह वीडियो टिकटॉक पर पोस्ट करने के लिए बनाई थी, जो काफी वायरल होने के बाद लोगों के नजर में आया। शख्स कार के ऊपर चढ़कर कोई स्टंट कर रहा था। वीडियो में जो कार नजर आ रही है, इस तरह की गाड़ी अक्सर दिल्ली पुलिस के ACP प्रयोग करते हैं।
फैक्ट-चेक के बाद यह पता चला कि इस वीडियो में लोग किसी भोजपुरी गाने पर नहीं झूम रहे हैं बल्कि ओरिजिनल साउंड हटा कर भोजपुरी गाने को इसमें अलग से एडिट कर के डाला गया है। और हाँ, यह वीडियो लन्दन का है भी नहीं।
नियम यह भी है कि फैक्ट चेकिंग संस्था किसी भी चुनाव में किसी भी कैंडिडेट का सपोर्ट नहीं करेगी और न ही किसी अन्य संस्था, पार्टी का पक्ष लेगी जब तक कि उसका सम्बन्ध सीधे-सीधे किसी फैक्ट चेक से नहीं है।
अगर मुगलों की बात करें तो बाबर ने 16वीं शताब्दी में दिल्ली में राज करना शुरू किया, जबकि चीनी यात्री ने उससे लगभग 900 वर्ष पूर्व भारत में अंगूरों और अंगूर के रस का जिक्र किया है। इससे पता चलता है कि 'द प्रिंट' के लेख में किया गया दावा बिलकुल ही ग़लत है।
विदेशी पत्रकार वेर्लेमन ने एक विडियो पोस्ट किया, जिसमें साजिद नाम का मुस्लिम युवक आपबीती सुना रहा है। इसमें वो साफ़-साफ़ कह रहा है कि उसे जेबकतरों ने रोका, लेकिन फिर भी इस विडियो को 'हिन्दुओं द्वारा मुस्लिमों पर हमले' के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर भी अरस्तू और सुकरात के बाद जन्मे कुछ 'महान विचारकों' ने जमकर इस घटना पर सत्संग और 'अच्छा महसूस होने वाला' साहित्य लिखा, लेकिन मुबंई पुलिस ने इस खबर की सच्चाई उजागर कर दी।
फैक्ट चेक के लिए बाजार जब कोई खबर ना हो तो लल्लनटॉप और उन्हीं की तरह की एक विचाधारा रखने वाले स्टाकर से फैक्ट चेकर बने ऑल्ट न्यूज़ ने यह सबसे आसान तरीका बना लिया है कि फेकिंग न्यूज़ का ही फैक्ट चेक कर के जीवनयापन किया जाए।
जनता कॉन्ग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गाँधी को खदेड़कर भगा चुकी है, लेकिन लग ये रहा है कि जनता के सन्देश को कॉन्ग्रेस अभी भी स्वीकार कर पाने में असमर्थ है। इसीलिए अभी भी कॉन्ग्रेस की आई टी सेल और व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी अपने युवराज को मसीहा बनाने के कार्यक्रम में तत्परता से जुटी हुई है।