Saturday, April 20, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेकFact Check: विदेशी पत्रकार ने फैलाया महाझूठ, साजिद के पिटने की वजह उसका मुस्लिम...

Fact Check: विदेशी पत्रकार ने फैलाया महाझूठ, साजिद के पिटने की वजह उसका मुस्लिम होना नहीं

जब विडियो में जेबकतरों द्वारा हमले की बात स्पष्ट हो गई है तो 'मोदी', 'कट्टरवादी हिन्दू' या 'मोदी समर्थक' कहाँ से आ गए? ये नाम आ नहीं गए बल्कि जबरन लाए गए, ठूँसे गए क्योंकि इन लोगों को अपना हित साधना है, प्रोपेगेंडा सेट करना है।

दिल्ली के जैतपुर की एक सामान्य आपराधिक घटना को ‘मुस्लिमों के ख़िलाफ़ मोदी समर्थकों द्वारा किए जा रहे अत्याचार’ के रूप में पेश किया जा रहा है। अब इसमें अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी कूद गई है। ‘मिडिल ईस्ट आई’ के पत्रकार सीजे वेर्लेमन ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “28 मई को इस मुस्लिम युवक पर मोदी समर्थकों और हिन्दू कट्टरवादियों द्वारा हमला किया गया। इसे स्टील के रॉड से पीटा गया, सूअर का मांस खाने को मजबूर किया गया और उसके शरीर पर पेशाब करने की धमकी दी गई। मोदी के दोबारा जीतने के बाद इस तरह के हमले रोज़ हो रहे हैं।

‘चैनल द रेज’ नामक पॉडकास्ट को एंकर करने वाले पत्रकार वेर्लेमन ने इस ट्वीट के साथ एक विडियो भी पोस्ट किया, जिसमें साजिद नाम का मुस्लिम युवक इस घटना को लेकर आपबीती सुना रहा है। इसमें वो साफ़-साफ़ कह रहा है कि उसे जेबकतरों ने रोका और उससे उसका मोबाइल माँगा, लेकिन फिर भी इस विडियो को ‘हिन्दुओं द्वारा मुस्लिमों पर हमले’ या यूँ कहें कि ‘हेट क्राइम’ के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। हमने जब इस घटना को खंगाला तो हमें दिल्ली साउथ ईस्ट के डिप्टी कमिश्नर चिन्मय विश्वास का बयान मिला, जिसमें उन्होंने इस घटना के ‘हेट क्राइम’ होने से साफ़-साफ़ इनकार कर दिया है।

जैतपुर पुलिस स्टेशन में जो मामला दर्ज किया गया है, उसमें भी कहीं ‘सांप्रदायिक हिंसा’ या ऐसी किसी चीज का जिक्र नहीं है। बंधक बनाने और दुर्व्यवहार करने सम्बन्धी मामले दर्ज किए गए हैं, जो कहीं से भी यह साबित नहीं करते कि यह घटना साजिद के मुस्लिम होने के कारण हुई। पुलिस ने इसे ‘Mistaken Identity’ का मामला बताया है, जहाँ आरोपितों ने उक्त युवक को कोई और समझ लिया और उसे पीटा। आरोपितों ने यह समझा कि वो लोग जिसे खोज रहे हैं, वो साजिद ही है। सोशल मीडिया पर वेर्लेमन ने एक अज्ञात न्यूज़ चैनल का विडियो भी शेयर किया, जिसमें एंकर द्वारा बताया जा रहा है कि साजिद को मुस्लिम होने की वजह से पीटा गया।

हालाँकि, पुलिस द्वारा नकारने और ख़ुद साजिद द्वारा इस विडियो में आरोपितों को जेबकतरा बताने के बाद भी पत्रकारों व मीडिया संस्थानों द्वारा ज़हर फैलाने का काम किया जा रहा है। ऐसे कई मामले आए हैं, जहाँ पीड़ित के मुस्लिम होने पर अन्य आपराधिक घटनाओं को भी सांप्रदायिक हिंसा और मुस्लिमों पर कथित अत्याचार के रूप में पेश किया गया। इस मामले में भी यही हुआ है। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें साजिद आरोपितों को कहता पाया जा रहा है कि वह वो व्यक्ति नहीं है, जिसे वे ढूँढ रहे हैं। जब यह किसी की पहचान ग़लत समझने का मामला है, तो इसमें ‘नरेन्द्र मोदी’, ‘कट्टरवादी हिन्दू’ और ‘मोदी समर्थक’ कहाँ से आ गए? ये नाम आ नहीं गए बल्कि जबरन लाए गए, ठूँसे गए क्योंकि इन लोगों को अपना हित साधना है, प्रोपेगेंडा सेट करना है।

सोशल मीडिया के माध्यम से बिना घटना को जाने-समझे उसे ‘एक निर्दोष मुस्लिम पर हिन्दुओं द्वारा हमला’ के रूप में प्रचारित किया गया। अभी हाल ही में गुरुग्राम में भी एक घटना हुई थी, जब एक मुस्लिम युवक के दावे झूठे पाए गए। उसने कहा था कि मुस्लिम होने की वजह से उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। सच्चाई समाने आने से पहले ही बयान देकर गौतम गंभीर जैसे नेताओं ने सुर्खियाँ भी बटोरीं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe