महंत और सरपंच द्वारा मिली सामान्य सूचना के आधार पर पुलिस जाँच में जुट गई हैं। सरपंच ने बताया की महंत का पोस्टमॉर्टम हो गया है। उनका अंतिम संस्कार गाँव में ही किया जाएगा।
कोरोना को हल्के में लेने वाले, डॉक्टरों पर हमला करने वालों, थूकने, मल-मूत्र त्यागने वाले अधम श्रेणी के मनुष्यों की तुलना स्वामी जगन्नाथ के सेवायतों से करना धूर्तता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि कोरोना महामारी के फैलने के डर और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जगन्नाथ मंदिर में होने वाली वार्षिक रथयात्रा ना निकाली जाए।