Saturday, November 23, 2024

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Hinduism

पुरी में सदियों पुराने मठों पर लगातार चल रहा राज्य सरकार का बुलडोजर, कोई नहीं आवाज़ उठाने वाला

एसजेटीए ने इन मठों को जगन्नाथ मंदिर की संपत्ति बता कर ढाहना शुरू कर दिया। सरकार का कहना है कि इन मठों के बिल्डिंग सुरक्षित नहीं हैं और इसीलिए इन्हें हटाना ज़रूरी है। लांगुली मठ 300 वर्ष पुराना था। इसे रैपिड एक्शन फाॅर्स और पुलिस की मौजूदगी में ढाह दिया गया। 900 वर्ष पूर्व निर्मित एमार मठ को भी नहीं बख्शा गया।

NETFLIX दुनिया भर में हिन्दुओं को बदनाम कर रहा है, शिवसेना ने दर्ज कराई शिकायत

सोलंकी ने कहा कि प्लेटफॉर्म हिन्दूफोबिया से पीड़ित है। उन्होंने अधिकारियों से माँग की कि नेटफ्लिक्स के प्रतिनिधियों को बुला कर उनसे स्पष्टीकरण माँगा जाए और हिन्दुओं की भावनाएँ आहत करने वाले सारे कंटेंट्स को प्लेटफॉर्म से हटाए जाएँ।

सातवाहन और चालुक्य वंश के बाद तिलक ने गणेश चतुर्थी को बना दिया था स्वतन्त्रता का जन आंदोलन

भारतीय इतिहास में सातवाहन, चालुक्य और राष्ट्रकूट वंशों की, गणेश उत्सव हमेशा ही भारतीय और हिन्दू एकता का प्रमुख केंद्र रहा है।

हिन्दुओं को बार-बार नीचा दिखाओ, क्योंकि वे हमारा कुछ नहीं उखाड़ पाएँगे…रत्ती भर भी नहीं

हिन्दू का व्यवसाय धंधा तो मजहब विशीष का कारोबार इबादत कैसे? क्यों असहिष्णुता गणेश चतुर्थी पर ही आती है, मुहर्रम पर नहीं? क्यों कम्पनियॉं मानती हैं कि जूते खाकर भी आप उनका ही प्रोडक्ट खरीदेंगे। जवाब है, हिन्दू आज अपनी ही संस्कृति, दर्शन और इतिहास का मज़ाक बनाने वालों के पोषक बने हुए हैं।

मैक्डॉनल्ड्स आज सिर्फ हलाल मांस बेच रहा है क्योंकि हिन्दुओं की आस्था… वो क्या होती है?

हिन्दुओं को इससे फर्क नहीं पड़ता कि वो कौन-सा मांस खा रहे हैं। जिन्हें फर्क पड़ा, तो उन्हें 'बिगट', 'कम्यूनल', 'असहिष्णु' और पता नहीं क्या-क्या कह दिया गया। क्योंकि बहुसंख्यकों का न तो कोई धर्म है, न उनकी भावना आहत होती है।

जयपुर में मुस्लिम भीड़ ने काँवड़ यत्रियों पर किया था हमला: तनाव के मद्देनज़र धारा-144 का विस्तार

इस घटना में एक मुस्लिम भीड़ ने हरिद्वार जाने वाले काँवड़ियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया था। घटना के दौरान 30 से अधिक काँवड़िए गंभीर रूप से घायल हो गए थे, वहीं क़रीब एक दर्जन से अधिक बसों को आग लगा दी गई थी।

महाभारत के प्रसंगों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं देवदत्त पटनायक: 33 ट्वीट कर IIM के पूर्व छात्र ने खोली पोल

पटनायक लिखते हैं कि गांधारी ने अपने बच्चे को शरीर से बाहर निकालने के लिए अपनी दासियों को अपने पेट पर लोहे की छड़ से वार करने को कहा लेकिन महाभारत में ऐसा कोई प्रसंग नहीं है। असल में गांधारी ने ख़ुद से अपने पेट पर मारा और क्षणिक गुस्से में 'Self-Abortion' किया।

आर माधवन को माओवंशी लिबरपंथी क्यों दे रहे हैं गालियाँ…

इस फ़ोटों के लिए आर माधवन को लिबरल्स गैंग द्वारा ट्रोल किया जा रहा है। उनके अनुसार, जनेऊ, यज्ञोपवीतम या जिसे तमिल में पूनल कहा जाता है, जातिवाद का प्रतीक है और माधवन को अपने पूर्वजों की परंपराओं को बनाए रखने के लिए ख़ुद पर शर्म आनी चाहिए।

हाथी-मगरमच्छ की कहानी से समझें कश्मीरियत का दर्द सुनाने वालों ने लद्दाख जाना क्यों उचित नहीं समझा

वैष्णव मान्यताओं में इस कहानी की प्रतीकों के रूप में मान्यता भी है। ऐसा माना जाता है कि हाथी यहाँ जीव का स्वरूप है, मगरमच्छ उसके पाप और माया हैं, जिस नदी के कीचड़ जैसे स्थान में हाथी मगरमच्छ के जबड़े में फँसा है, वो कीचड़ संसार है।

इंजीनियर इमरान ख़ान ने अपनाया हिन्दू धर्म, कहा ‘मेरे पूर्वज थे सूर्यवंशी ठाकुर’

इमरानने बताया कि राघव गोत्र के बड़गूजर के रूप में उनकी पहचान हुआ करती थी। इस्लाम धर्म अपनाने के बावजूद उनके घर में सभी हिन्दू त्योहार मनाए जाते थे।

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