Monday, November 18, 2024

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History

गद्दार को खदेड़ कर गोली मारने वाले कन्हाई: वो जो भगत सिंह से भी कम उम्र में फाँसी पर चढ़े, जिनका खुदीराम से है...

दोनों के सिर्फ नाम व जन्मदिन ही समान नहीं हैं बल्कि कृष्ण की तरह कनाईलाल ने भी अपने लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।

नेपाल में मिली 3800 साल पुरानी किराट देवी की मूर्ति: धुलीखेल में सतह से 300 मीटर अंदर पाया गया, देख कर दंग हुए लोग

"धूलिकेल में एक प्राचीन नेपाली महिला की यह अद्भुत आकर्षक प्रतिमा नेपाली कला और इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।"

मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह: अंग्रेजों ने जिन्हें कहा था ‘खतरनाक बाघ’, दी थी खुली जगह पर फाँसी

बीर टिकेंद्रजीत सिंह को 13 अगस्त 1891 को आम जनता के सामने एक खुली जगह पर फाँसी लगाई ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके।

अतीत को गुरु मान कर सीखने की जरूरत: मातृभाषा अपनाएँ, प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन पर हो जोर

भारत में आज हमें अपनी मातृभाषा पर ध्यान देने और संस्कृत ग्रंथों के अध्ययन की ज़रूरत है। हमारा प्राचीन ज्ञान फिर से प्रासंगिक बने।

संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं… संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है

तुलनात्मक भाषा विज्ञान के अध्ययन में विद्वानों ने संस्कृत की ग्रीक, लैटिन आदि भाषाओं से समानता को प्रदर्शित किया है और संस्कृत भाषा को ही...

मंदिर निर्माण एक धार्मिक घटना ही नहीं, संस्कृति का पुनर्जागरण है

जन्मभूमि से इतनी दिक्कत क्योंकि विदेशियों की फेंकी हुई बोटियों पर पलने वाले कुत्तों की दशकों की मेहनत पर ये एक झटके में पानी फेर देता है।

उधम सिंह: जलियाँवाला बाग नरसंहार की आग में 21 साल तक जले, फिर एक दिन ऐसे उतारा डायर को मौत के घाट

13 अप्रैल 1919 के जलियाँवाला बाग नरसंहार को भला कौन भूल सकता है? इस नरसंहार के प्रतिशोध में 21 साल जलने वाले उधम सिंह की कहानी।

10 महिलाएँ, 9 पुरुष, 4 बच्चे: जला डाला था मंदिर, मार कर टुकड़ों में काट डाले गए थे 23 हिन्दू – वंधामा नरसंहार

श्रीनगर से उत्तर में मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गाँव- वंधामा। 48वें गणतंत्र दिवस के 1 दिन पहले की रात। 50 की संख्या में आए इस्लामी आतंकियों ने 23 हिन्दुओं का कत्लेआम किया।

मौलाना आजाद और वामपंथियों ने मिटाया मुस्लिमों का खूनी इतिहास: IPS अफसर ने बताया कैसे हिंदू धर्म को दिखाया नीचा

राव ने बताया कि दिल्ली में सड़कों का नाम "आक्रमणकारियों" के नाम पर रखा गया है। उसके मूल निर्माताओं कृष्ण/पांडवों के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।

गँवार, लुटेरा, अत्याचारी… या महाबली व तहजीबों का संगम? अकबर पर तुलसीदास को पढ़ें, जावेद अख्तर को नहीं

गोस्वामी तुलसीदास ने तत्कालीन राजा को चोर और लुटेरा कहा है। ये किसी से छिपा नहीं है कि बादशाह अकबर के हरम में 5000 से भी अधिक महिलाएँ थीं।

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