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Illegal Immigrants
चले जाओ, ये हिंदुस्तान है, पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं: अवैध घुसपैठियों को भगाने के लिए MNS का शक्ति प्रदर्शन
यह जुलूस महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे के नेतृत्व में निकाला गया। MNS ने एक बार फिर अपने हिंदुत्ववादी रुख को तेज करते हुए सीएए और एनआरसी की कड़ी में नई मुहीम जोड़ दी है।
अहमदाबाद से पकड़े गए 11 बांग्लादेशी, पुलिस खँगाल रही आपराधिक इतिहास
हिरासत में लिए गए लोगों से उनका डाक्यूमेंट्स दिखाने को कहा गया था, लेकिन उनके पास भारतीय नागरिकता साबित करने वाले कोई दस्तावेज नहीं थे। पुलिस को शक है कि उनमें से कुछ आपराधिक गतिविधियों में भी संलग्न हैं।
नाम बदलकर भिलाई में रह रही बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार, स्थानीय युवक से विवाह कर दे रही थी पुलिस को झाँसा
बांग्लादेश की आशा अख्तर भिलाई में नाम बदलकर रह रही थी। उसने 5 अक्टूबर 2017 को हेमेंद्र पराडकर से रायपुर के आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और फिर इसी आधार पर उसने भारतीय पहचानपत्र वाले दस्तावेज बनवा लिए थे।
11 साल से भारत में रह रहा था ईरानी घुसपैठिया हामेद अबकरी, टकला होकर बौद्ध संन्यासी का धरा था रूप
ईरान का हामेद अबकरी 11 साल से अवैध रूप से भारत में रह रहा था - बौद्ध संन्यासी का वेश धारण कर। बिहार के बोधगया से काठमांडू जा रही भारत-नेपाल मैत्री बस में जाँच के दौरान पकड़ाया।
अवैध कालोनियों में रहने वालों को दिवाली पर मोदी की बड़ी सौगात: 40 लाख को मिलेगा घर का मालिकाना हक़
कैसे इन अनधिकृत कालोनियों में रहने वले लोगों को केंद्र सरकार के इस एक फैसले के बाद घर का मालिकाना हक मिलने से बहुत फायदा पहुँचेगा। उन्होंने कहा कि इन कालोनियों में रह रहे लोगों को ऋण लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार के इस फैसले से उन्हें बैंकों से ऋण लेने में समस्या नहीं आएगी।
भारत ने 20 बांग्लादेशी घुसपैठियों को असम सरकार के सहयोग से वापस भेजा
इन सभी पर पासपोर्ट एक्ट या फॉरेनर्स एक्ट या फिर इन दोनों के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ था। आरोपी सिलचर जेल में बंदी था। एनडीटीवी से हुई शर्मा की बातचीत के अनुसार इनमें से अधिकाँश लोग अपने रिश्तेदारों से भेंट करने या नौकरी ढूँढ़ने आए थे।
70000 ‘बेचारे शांतिदूत’ असम से उड़नछू, पत्रकारिता का समुदाय विशेष अब देगा जवाब?
‘बेचारे रोहिंग्या’ का narrative बुनने वाले ‘अदृश्य’ अवैध अप्रवासियों द्वारा किए गए संभावित गुनाह की गठरी अपने सर बाँधेंगे? क्योंकि यही सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक इस समूह के अधिवक्ता बन जाते हैं। और इसलिए बन जाते हैं क्योंकि यह घुसपैठिए ‘समुदाय विशेष’ से होते हैं।