इंदिरा ने पुराने कॉन्ग्रेस को फुस्स कर एक ऐसी कॉन्ग्रेस खड़ी कर ली जहाँ उनके चाटुकारों ने 'इण्डिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इण्डिया' कहने में भी संकोच नहीं किया।
"....क्योंकि आपने तो जानबूझकर विकृत तथ्यों और झूठी बातों का प्रचार किया है। परन्तु जो सच है, वह तो लिपिबद्ध हो जाए… आपके शासन में एक बन्दी के रूप में मैं भी सन्तोषपूर्वक मरूँगा।"
नाम था, स्नेहलता रेड्डी। कन्नड़ अभिनेत्री। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता। लेकिन उसे घोर यातनाएँ दी गई क्योंकि उसने इंदिरा के सामने घुटने टेकने से इनकार कर दिया था।
बेअंत सिंह की पत्नी बिमल कौर खालसा ने केहर सिंह के विरुद्ध अपने बयान में कहा कि 17 अक्टूबर 1984 को बेअंत सिंह और केहर सिंह ने घर की छत पर इंदिरा गाँधी की हत्या की साजिश रची।