पदाधिकारियों का कहना था कि नगर निगम ने ख़ुद इस निर्माण (कीर्ति स्तम्भ) की अनुमति दी थी। इस पर सवाल उठाते हुए धरना प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अनुमति देने के बाद तोड़-फोड़ क्यों की गई?
हमले में शामिल 7 अपराधी इस दौरान पुलिसकर्मियों से उनके हथियार, वायरलेस सेट समेत अन्य सामान लूटकर फरार हो गए। हमले में दो पुलिस वाले (संदीप नामदेव और मनोज सिंह) घायल हो गए। एक की हालत नाजुक है और वे ICU में हैं।
कॉलेज का कहना है कि कारगिल युद्ध पर आधारित अच्छे लेखकों की पुस्तकें नहीं हैं, जिस कारण इससे जुड़े चैप्टर को हटाना पड़ा। भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया है। भाजपा का कहना है कि इस युद्ध के वक़्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, इसलिए कॉन्ग्रेस इस युद्ध के बारे में छात्रों को शिक्षा नहीं देना चाहती है।
"बीजेपी कह रही है कि कुत्तों को स्थानांतरित कर दिया गया है। ये ठीक लगता अगर वे इसे 'डॉग स्कॉड' कहते। लेकिन, उन्होंने कहा कि 'कुत्तों' को स्थानांतरित कर दिया गया। उनकी मानसिकता कुत्तों जैसी है। क्या करें!"
गाँव के मंदिर का पुजारी अशोक कई दिनों से अपनी शादी के प्रयास में था। इसका फायदा उठाते हुए दलाल नारायण ने उस से सवा लाख रुपए ठग लिए और एक मुस्लिम महिला से मिलवाया। पुजारी को धोखे में रखने के लिए महिला का नाम गीता बताया गया।
कमलनाथ सरकार श्री लंका के दिवुरुमपोला में एक मंदिर बनाने की योजना बना रही है। इस मंदिर का निर्माण उसी जगह पर किया जाएगा, जिसे माता सीता का अग्निपरीक्षा स्थल माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर सीता ने लंका-युद्ध के बाद पहली अग्निपरीक्षा दी थी।
डॉ कुंडू सरफ़राज़ की माँ के कैंसर का इलाज लंबे समय से कर रहे थे। माँ के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने से सरफ़राज़ खिन्न था। इसके बाद वो अपनी माँ को मुंबई ले गया जहाँ उसे पता चला कि उसकी माँ को ग़लत कीमो दिया गया था। इसके कुछ रोज बाद उसकी माँ का देहांंत हो गया।
बच्चे अपनी बड़ी माँ के साथ जामुन के बगीचे में पहुँचे ही थे कि गाँव के दबंगों ने वहाँ अचानक लाठी-डंडों के साथ धावा बोल दिया। इन सभी ने बच्चे की बड़ी के माँ सामने ही उन्हें ज़बरदस्ती अपने घर उठा ले गए और...
आरोपित प्रेमी की पत्नी पुलिस अधिकारी है और उसी की वर्दी चुरा कर वह अपनी प्रेमिका को दिया करता था। उसकी पत्नी मध्य प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। उसकी की वर्दी के सहारे दोनों आरोपित प्रेमी युगल लूटपाट की साज़िश को अंजाम देते थे।