टीएमसी पार्टी की आपात बैठक में ममता बनर्जी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, एक आपात स्थिति पैदा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव किया गया साथ ही वोटों की हेराफेरी हुई। ममता दीदी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत की, लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया।
“क्या असली खेल EVM है? क्या पैसे देकर EXIT POLL कराया गया? यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, बंगाल हर जगह BJP ही जीत रही है ये कौन यक़ीन करेगा? सभी दल EC से मिलकर VVPAT-EVM के मिलान में गड़बड़ी पर Election रद्द करने की माँग करें।”
मालदा और बशीरहाट में ऐसी घटनाएँ सामने आईं जहाँ कट्टरपंथी, हिन्दुओं के ख़िलाफ़ काफ़ी उग्र होते नज़र आए, जबकि इन्हीं हिंसात्मक हमलों में हिन्दुओं को बचाने की कोशिश में पुलिस महकमा पूरी तरह से विफल रहा।
"तुम लोगों का नसीब अच्छा है कि मैं यहाँ शांत बैठी हूँ वरना तो मैं एक सेकेंड में दिल्ली में भाजपा दफ्तर और तुम्हारे घरों पर कब्ज़ा कर सकती हूँ। अमित शाह क्या भगवान हैं, जो उनके ख़िलाफ़ कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता है?"
घर के अंदर स्थानीय भाजपा नेता प्रदीप बनर्जी सहित कुछ लोग थे, जिन्होंने कहा कि वे पार्टी की बैठक शुरू करने वाले थे। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि बैठक में आरएसएस नेता और बंगाल के भाजपा के सह-प्रभारी अरविंद मेनन ने भी भाग लिया।
बंगाल ने इस बार हिंसा और हत्या की हर हद को पार कर दिया है। आखिरी चरण में कोई बड़ी गड़बड़ी न हो, इससे बचने के लिए बंगाल में महज 9 सीटों पर मतदान के लिए 700 से ज्यादा कम्पनियाँ केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होगी।
थ्रेड में ट्रोल करने वाले अधम प्रकार के विस्तारवादी ट्रोल होते हैं। मध्यम कोटि के ट्रोल एक ट्वीट में चेतना शून्य कर देते हैं। उत्तम कोटि के ट्रोल एक वाक्य में ही अचेत कर देते हैं और सर्वोत्तम ट्रोल एक शब्द लिखकर ही नासिका लाल कर कर्णछिद्रों से धूम्र-वाष्प निष्कासन की प्रक्रिया का सूत्रपात कर देते हैं।
"राज्य में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए संघ और भाजपा के लोग केंद्रीय बलों की वर्दी पहनकर आ रहे हैं। मैं केंद्रीय बलों का निरादर नहीं करती हूँ। लेकिन, उन्हें निर्देश दिए जा रहे हैं। मुझे शक है कि भाजपा-संघ के कुछ कार्यकर्ताओं को केंद्रीय बलों की वर्दी पहनाकर बंगाल भेजा जा रहा है।"
“मैं भाजपा के नारों में विश्वास नहीं रखती। पैसा मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता, मगर जब पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल आकर कहते हैं कि टीएमसी लुटेरों से भरी पड़ी है तो मुझे उन्हें थप्पड़ मारने का मन हुआ।”