न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फ़िल्म निर्माता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उत्पादकों और सिनेमा हॉल के मालिकों को 20 लाख रुपए का जुर्माना दिया जाएगा, जो बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन के लिए होगा।
अपने विरोधी सुरों में वो कभी बीजेपी को बैलेट पेपर पर जवाब देने की धमकी दे डालती हैं तो कभी न्यूज़ चैनल द्वारा उनकी धरने देने वाली कवरेज़ पर मीडिया संस्थान को (रिपब्लिक टीवी) नोटिस थमा देती हैं। बड़ी ही 'विलक्षण' और फ़र्ज़ी प्रतिभा की धनी हैं ममता दीदी!
ममता बनर्जी ने एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता और राजनीति से बाहर निकालने की बात कही। इतना ही नहीं, उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि मोदी के मुँह को चिपकने वाले सर्जिकल टेप से चिपका देना चाहिए।
वैसे तो पश्चिम बंगाल हमेशा से राजनैतिक हिंसा और हत्याओं के कारण खबरों में रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल विशेष रूप से भाजपा के खिलाफ गंभीर राजनीतिक हिंसा के लिए जाना गया।
इस घोटाले से जुड़े एक टीवी चैनल को 6.21 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिस पर कार्रवाई चल रही है। इसी तरह तृणमुल कॉन्ग्रेस द्वारा संचालित समाचारपत्र ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बनाई गई पेंटिंग को 6.5 करोड़ रुपए में बेची। इस पर भी सीबीआई की नज़र है।
एशियन रिव्यू ऑफ बुक्स ने इस पुस्तक के लिए लिखा है, ’’राजनीतिक प्रवंचना के प्रशंसक इस व्यंग्यपूर्ण कथा को सराहेंगे, जो पश्चिम बंगाल के शासक वर्गों में फैले कपटाचरण, मीडियाई जोड़तोड़ और हत्याओं के किस्से बयां करती है।’’
अपूर्बा चक्रबर्ती कल रात इस्लामपुर के गुलशन इलाके में अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ एक शादी समारोह में गए थे। इसके बाद जब वो लगभग 10 बजे शादी से वापस घर जा रहे थे, तो संदिग्ध TMC गुंडों ने सड़क पर उनके साथ मारपीट की।
प्रिंसिपल ने बताया कि इस इलाके में कम उम्र में विवाह करने का चलन है। चूँकि पुरुष काम के लिए अधिकतर समय बाहर रहते हैं, ऐसे में माताएँ ही लड़कियों की देखभाल करती हैं। इसलिए वो अपनी बेटियों की जल्द शादी...
मतुआ समुदाय की मार्गदर्शिका वीणापाणि देवी ठाकुर के निधन के साथ ही बंगाल का चुनावी गणित बदलता नज़र आ रहा है। एक पत्र में उन्होंने नागरिकता विधेयक को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की थी। 1.5 करोड़ की जनसंख्या वाला मतुआ समुदाय वैष्णव सम्प्रदाय का हिस्सा है।