Friday, November 22, 2024

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MEDIA FACT-CHECK

फैक्ट चेक: क्या भूपेन हजारिका के परिवार ने सच में की भारत रत्न न स्वीकार करने की बात

पुरस्कार लौटाने की ख़बर के कुछ ही समय बाद जब तेज हजारिका की ओर से जारी बयान सामने आया, तो यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यधारा की मीडिया से आ रही यह ख़बर फर्जी थी।

फ़ैक्ट चैक: प्रियंका गाँधी की रैली का भीड़ कनेक्शन फ़र्ज़ी, कॉन्ग्रेस को डिलीट करना पड़ा ट्वीट

प्रियंका गाँधी की रैली में भीड़ दिखाने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी प्रवक्ता ने तेलंगाना की तस्वीर शेयर कर डाली, झूठ पकड़े जाने पर जिसे उन्होंने डीलिट कर दिया।

BBC का फै़क्ट चेक या फोटो चेक? गंगा साफ़ हो रही है, लेकिन वो न्यूज़ रूम से नहीं दिखेगी

डेस्क पर बैठ कर और रिवर्स इमेज सर्च के सहारे ही अगर फै़क्ट चेक का धंधा चलाना है तो कृपया इसे फोटो चेक का नाम दीजिए। सिर्फ पेजव्यू के लिए शीर्षक भ्रामक मत बनाइए।

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने ‘The Print’ की लगाई लंका

एक लाइन के ई-मेल में, डेटन ने लिखा है कि उनका इस मामले या किसी अन्य मामले के सम्बन्ध में कॉन्ग्रेस से कोई संपर्क नहीं है।

‘द प्रिंट’ का नया फ़र्ज़ीवाड़ा: ऐसी कोई ‘IB रिपोर्ट’ मौजूद नहीं है, जो संस्थानों के मोदी-विरोधी होने की बात करती हो

EEC का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संस्थानों का चयन करने के लिए किया गया है। आज (जनवरी 29, 2019) समिति ने सुझाव दिया कि 20 के वर्तमान प्रस्ताव से बढ़ाकर IoE की संख्या 30 की जानी चाहिए।

कैलाश विजयवर्गीय के ‘चॉकलेट’ को चाट गई मीडिया, परोस दिया झूठ – यहाँ देखें पूरा Video

देश के तमाम बड़े मीडिया हाउस ने इस वीडियो के आधार पर जो ख़बर बनाई, उसमें गच्चा खा गए। ऐसा कई कारणों से हो सकता (कई बार जान-बूझकर भी) है।

सत्य-हिन्दी का असत्य: AAP के पूर्व नेता व पत्रकार आशुतोष की वेबसाइट पर राफ़ेल की झूठी ख़बर

फ्रांस की सरकार द्वारा इस ख़बर का खंडन किया जा चुका है। लेकिन आपका काम ही जब प्रोपेगंडा फैलाना बन जाए तो सुबह उठकर अख़बार या न्यूज़ वेबसाइट पढ़ने में दिलचस्पी कोई दिखाए क्यों? और यही काम आशुतोष और उसकी सत्य-हिन्दी टीम ने किया।

क्या आठवीं कक्षा तक हिंदी की पढ़ाई पूरे देश में हो जाएगी ज़रूरी?

प्रकाश जावड़ेकर के ट्वीट करने के बाद भी 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने अपनी ख़बर को 'Update' कर हाईलाईट कर के ट्वीट को तो जोड़ लिया, लेकिन फिर भी भ्रामक हेडलाइन को बदलने की ज़रूरत शायद नहीं समझी गई।

गलत आँकड़ों के ज़रिए ‘IndiaSpend’ कर रहा है पीड़ित मुस्लिमों की संख्या में इज़ाफ़ा

इस मामले से अब तक ये तो स्पष्ट है कि विवाद की वजह ज़मीन है, न कि घृणा-जन्य अपराध।

CBI डायरेक्टर मामले में ‘मोदी सरकार को झटका’ : रीढ़विहीन मीडिया फैला रही यह झूठ, आप न बनें मूर्ख!

आलोक वर्मा कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। उनका कार्यकाल भी इसी महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगा।

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