Monday, November 18, 2024

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Media Hypocrisy

मोदी इंटरव्यू के दौरान कपड़े फाड़कर ‘पछड़ा-पछड़ी’ करना चाहते हैं रवीश, उन्हें पागल होना है

रवीश कुमार चाहते हैं कि कोई पत्रकार लाइव इंटरव्यू के दौरान पीएम के जवाब के बाद टेबल पर एक करारा मुक्का मारे और अपनी कुर्सी को नीचे पटक डाले। रवीश की इच्छा है कि मोदी का इंटरव्यू लेनेवाला पत्रकार उनके जवाब के दौरान अपने ही मुँह पर माइक दे मारे।

Faking News का Fact Check कर के दे रहा है ‘दी लल्लनटॉप’ मारक मजा, पाठकों ने गरिया दिया

Faking News के लेख में जातिगत नजरिया तलाश कर 'दी लल्लनटॉप' ने इसे फ़ौरन लपक लिया और इसके सम्पादक ने आम चुनावों के बीच में इस खबर को प्रकाशित करने का निर्णय लिया। इंडिया टुडे समूह के इस समाचार वेबसाइट ने अपने पाठकों को मारक मजा देने की मम्मी कसम खाई है। हो सकता है, इसी कारण अपने दैनिक ‘कट्टर पाठकों’ की सोचने की क्षमता को भाँपते हुए ही उन्होंने इस रिपोर्ट समझाने का एक प्रयास किया हो।

प्राइम टाइम एनालिसिस: रवीश कुमार कल को सड़क पर आपको दाँत काट लें, तो आश्चर्य मत कीजिएगा

रवीश मुहल्ले की गली का वो लौंडा है जो किसी लड़की के नाम से हाथ काट लेता है, और लड़की को पता भी नहीं होता कि उसका नाम क्या है। रवीश के ऐसे प्रोग्रामों को देख कर मैं बस इसी इंतज़ार में हूँ कि वो किस दिन कलाई का नस काट कर कहेंगे कि उन्हें कुछ होगा तो ज़िम्मेदार मोदी ही होगा।

मोदी की माँ की तस्वीरों से जूतों की कहानी तक, लिबरलों के धुआँ क्यों निकल रहा है

मोदी ने तो माताजी का आशीर्वाद लिया और चले गए, लेकिन लिबरल ब्रीड अभी भी पागल हो रहा है। मोदी रैली में व्यस्त है, इंटरव्यू खत्म हो गया, लेकिन लिबरल ब्रीड उसे कंधे पर लेकर घूम रहा है। लिबरलों के पोस्टर ब्वॉय लिंगलहरी कन्हैया की गरीब माँ पर खूब आहें निकलीं, कैमरा तो उसके घर में भी घुसा था, उसके घर का राजनीतिकरण हुआ कि नहीं?

पत्रकारिता के (अ)नैतिक प्रतिमान सिद्धार्थ वरदराजन से और उम्मीद भी क्या है

हर खबर में इन्हें ‘एंगल’ ही यह दिखता है कि कैसे मोदी को गरियाने मिल जाए। यही इनका पत्रकारिता का (अ)धर्म है, यही इनकी (अ)नैतिक जिम्मेदारी है।

NDTV वालों के लिए लिए स्त्री का अपमान सिर्फ ‘तंज’ है, सेक्सिज़्म तो चलता है

दिक्कत है मामले की गंभीरता और शब्दों के चुनाव से छिछोरेपन को, सेक्सिस्ट बयान को, नारीविरोधी शब्दों को 'तंज' और 'ज़ुबानी जंग' के नाम पर ऐसे प्रस्तुत करना जैसे इतना तो चलता है।

राहुल गाँधी ने शेयर किया ‘फर्जी’ वीडियो, Exclusive Video सामने आया तो लोगों ने किया छीछालेदर

राहुल गाँधी ने प्रोपेगेंडा वेबसाइट 'द वायर' की एक वीडियो शेयर की। वीडियो में यह दिखाया गया है कि कुम्भ मेले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन स्वच्छता कार्यकर्ताओं के पैर धोए थे, वो मोदी से असंतुष्ट हैं। उन्हीं लोगों के एक्सक्लुसिव वीडियो सामने आने पर अब हो रही है इनकी 'सोशल धुनाई'!

झूठ के सहारे तुफैल द्वारा हिंदुत्व को हिंसक साबित करने का खोटा प्रयास, देवी-देवताओं का अपमान

यहाँ तुफैल अहमद ने दो बड़ी गलतियाँ की। पहली ग़लती, हिन्दू देवी-देवताओं द्वारा धारण किए गए अस्त्र-शस्त्रों को हिंसा से जोड़कर देखा। दूसरी ग़लती, माँ सरस्वती के बारे में बिना तथ्य जाने झूठ बोला। दोनों ही गलतियों को तथ्यों व सबूतों के साथ काटा गया है। 'शांतिप्रिय' तुफैल शायद...

मतदान कर्तव्य ही नहीं, अब नैतिक बाध्यता भी: मुट्ठी भर ‘अभिजात्यों’ से माइक और लाउडस्पीकर छीनने का मौका

आजादी के सात दशकों में हिन्दुओं के #मानवाधिकार छीनते रहने वालों का अट्टहास हर ओर तो सुनाई देता है! ऐसे अट्टहास हमें सुनाई इसलिए देते हैं क्योंकि उन्होंने यूनिवर्सिटी, समाचारपत्र, रेडियो, टीवी चैनल जैसे संसाधनों पर कब्ज़ा कर रखा है। मतदान इन मुट्ठी भर अभिजात्यों से...

न्यूज़ चैनल के संपादक ने प्राइवेट कम्पनी के घाटे के लिए मोदी को ठहराया जिम्मेदार, लताड़े गए

कापड़ी को लताड़ते हुए अशोक पंडित ने उन्हें थोड़ी पढ़ाई-लिखाई करने की नसीहत दी और पूछा कि एक प्राइवेट एयरलाइन्स की समस्या में मोदी और विकास कहाँ से आ गया?

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